रांची। चारा घोटाले से संबंधित दुमका कोषागार से धन के गबन के मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि सीबीआई ने अपना जवाब दाखिल करने के लिये समय मांग लिया। अब इस मामले मे 27 नवंबर को सुनवाई होगी। चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में 14 वर्ष तक की कैद की सजा पाने के बाद न्यायिक हिरासत में लालू प्रसाद यादव का इस समय राजेन्द्र आयुर्विग्यान संस्थान में इलाज हो रहा है। न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की एकल पीठ के समक्ष जमानत याचिका पर सुनवाई प्रारंभ होते ही जांच ब्यूरो ने कहा कि इस मामले में लालू के आधी से अधिक सजा पूरी कर लेने के दावे एवं अन्य दावों के बारे में वह लिखित रूप से अपना पक्ष रखेगी जिसके लिए उसे समय दिया जाये। सीबीआई के इस कथन पर लालू प्रसाद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘सीबीआई जानबूझकर अनावश्यक रूप से इस मामले में विलंब कर रही है।’’
सिब्बल ने कहा कि दुमका कोषागार से जुड़े चारा घोटाले के इस मामले में आज सुनवाई के दिन तक लालू प्रसाद ने 42 माह, 26 दिनों की सजा काट ली है जो लालू को दी गयी सात वर्ष की सजा के आधे समय से अधिक है। ऐसे में उन्हें उच्च न्यायालय को जमानत दे देनी चाहिए। सिब्बल के इस दावे का सीबीआई ने विरोध किया और कहा कि सजा की आधी अवधि पूरी कर लेने के उनके दावे और लालू की बीमारी और इलाज तथा अन्य मुद्दों पर वह न्यायालय को लिखित तौर पर अपना पक्ष देगी जिसके लिए उसे समय चाहिए। सीबीआई का पक्ष सुनने के बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू की जमातन की याचिका पर सुनवाई 27 नवंबर तक के लिए टाल दी। दुमका कोषागार से गबन के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में सात वर्ष एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में अलग से सात वर्ष की सश्रम कैद की सजा सुनायी है। इस मामले में सीबीआई का कहना है कि अभी यह भी तय नहीं हुआ है कि लालू की यह दोनों सजाएं एक साथ चल रही हैं अथवा दोनों एक के बाद एक चलेंगी। यदि दोनों सजाएं एक के बाद एक चलेंगी तो लालू को भ्रष्टाचार के इस मामले में कुल चैदह वर्ष की कैद काटनी है। इस बीच रिम्स में लालू के इलाज तथा उनसे मुलाकातियों के बारे में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार तथा रिम्स प्रशासन से मांगी गयी रिपोर्टों पर भी बहस 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। दुमका मामले में जमानत मिलने पर लालू यादव फिलहाल जेल से बाहर आ सकेंगे क्योंकि अब तक जिन चार चारा घोटाले के मामलों में उन्हें सजा मिली है उनमें से तीन में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है।