योगी सरकार के खिलाफ ललितपुर-चंदौली बनेगा विपक्ष की नई ‘प्रयोगशाला’

By अजय कुमार | May 05, 2022

उत्तर प्रदेश के जिला चंदौली के बाद अब ललितपुर में पुलिस का खौफनाक चेहरा सामने आया है। हफ्ते भर के भीतर दो युवतियों के साथ अमानवीय कृत्य किए जाने का आरोप पुलिस पर लगा है। चंदौली के मनराजपुर गांव में जहां एक गैंगेस्टर की तलाश में पुलिस की दबिश के दौरान उसकी पुत्री की मौत मामले ने चंदौली से लेकर लखनऊ तक की सियासत गरमा दी थी, वहीं अब ललितपुर जनपद में गैंग रेप पीड़िता एक युवती के साथ एसएचओ पर थाने में रेप करने का आरोप लगा है। ललितपुर के पाली थाना परिसर में एक नाबालिग गैंगरेप पीड़िता से थाना परिसर में रेप किए जाने का मामला उस समय सामने आया जब चाइल्ड लाइन में काउंसलिंग के दौरान किशोरी ने थाने में भी अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी। मामला खुलने के बाद पुलिस अधीक्षक ने पाली के थानाध्यक्ष को सस्पेंड करते हुए उसके खिलाफ रेप का केस दर्ज करवाया है।

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महिला सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करने वाली योगी की पुलिस का यह अमानवीय चेहरा सबके सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी से लेकर बसपा-कांग्रेस और छोटे-छोटे दलों के नेता भी योगी राज पर निशाना साध रहे हैं। दोनों घटनाओं के बाद अब विपक्ष पुलिस के क्रूर व्यवहार को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष इन दोनों घटनाओं को ठीक वैसे ही हवा देना चाहता है जैसे उसने विधान सभा चुनाव से पूर्व योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए हाथरस में युवती के साथ गैंगरेप और गोरखपुर में कथित रूप से पुलिस द्वारा एक व्यापारी की हत्या किए जाने की घटना को उछाला था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि ललितपुर में 13 साल की एक बच्ची के साथ गैंगरेप और फिर शिकायत लेकर जाने पर थानेदार के द्वारा बलात्कार की घटना दिखाती है कि ‘बुलडोजर’ के शोर में कानून व्यवस्था के असल सुधारों को कैसे दबाया जा रहा है। अगर महिलाओं के लिए थाने ही सुरक्षित नहीं होंगे तो वे शिकायत लेकर कहां जाएंगी। प्रियंका ने कहा कि क्या यूपी सरकार ने थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए गंभीरता से सोचा है। ललितपुर जैसी घटनाओं को रोकने के लिए महिला सुरक्षा और महिला हितैषी कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर कदम उठाने ही होंगे।

    

चंदौली और ललितपुर की घटनाओं पर सख्त तेवर अपनाते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा राज में यूपी ‘ईज ऑफ डूइंग’ अपराध प्रदेश बन गया है। सरकार का बुलडोजर ऐसे अपराध करने वालों के घरों तक क्यों नहीं पहुँच रहा है। उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ललितपुर की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नपे-तुले शब्दों में कहा कि पुलिस द्वारा किशोरी से रेप शर्मनाक घटना है। सरकार इसे गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे। ललितुपुर की घटना का राज्य महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को पत्र लिखकर घटना की आख्या मांगी है। वहीं यूपी बाल संरक्षण आयोग ने मामले की जांच के लिए एक दल का गठन किया है। यह तय माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष कानून व्यवस्था के मुद्दे को निरंतर गरमाए रखेगा। सपा ने तो यहां तक कहा है कि जहां भी अपराध खासकर महिलाओं के साथ की अपराध की बड़ी घटनाएं होंगी, वहां पार्टी का प्रतिनिधि मंडल जाएगा। इसमें वरिष्ठ नेताओं के साथ स्थानीय नेता भी शामिल होंगे। प्रतिनिधि मंडल घटनाक्रम पर विस्तार से रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे सदन में भी रखा जाएगा। इसी रणनीति के तहत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार चार मई को ललितपुर पहुंचे। अब वह नौ मई को चंदौली जाएंगे।

    

बहरहाल, ऐसा लगता है कि विधानसभा चुनाव में हार और पार्टी में रार के बीच घिरे अखिलेश यादव अब इस सबसे आगे निकल कर जनता के बीच अपनी पार्टी की सक्रियता बढ़ाने में जुट गए हैं ताकि कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया जा सके। सड़क से सदन तक संघर्ष का दावा करने वाली सपा ने विभिन्न घटनाओं पर अपनी रिपोर्ट बनानी शुरू की है। पार्टी की रणनीति है कि जहां भी घटनाएं हो रही हैं, वहां पार्टी का प्रतिनिधि मंडल पहुंच कर पीड़ित परिवार से मिलेगा। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि इससे जनता में अपनी उपस्थिति बनी रहेगी और कार्यकर्ताओं को भी एनर्जी मिलेगी। इससे एक तरफ संबंधित क्षेत्र में पार्टी के प्रति सहानुभूति बढ़ेगी तो दूसरी तरफ घटना पर पार्टी प्रतिनिधि मंडल अपनी रिपोर्ट देंगे। इस रिपोर्ट में पुलिस की कार्रवाई, मीडिया रिपोर्ट के तथ्य, परिजनों से बातचीत के तथ्यों को समाहित किया जाएगा। इन तथ्यों को जरूरत पड़ने पर विधानसभा में सबूत के तौर पर भी रखा जाएगा। 

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गौरतलब है कि गत माह सपा का प्रतिनिधिमंडल चंदौली, जौनपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, प्रयागराज, बहराइच, बरेली, शाहजहांपुर, बांदा, देवरिया, प्रतापगढ़, मुजफ्फरनगर और नई दिल्ली जाकर वहां के घटनाक्रम की रिपोर्ट तैयार कर चुका है। इसी क्रम में 04 मई को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पूरी टीम के साथ ललितपुर पहुंचे थे। उन्होंने वहां परिजनों से मुलाकात कर वस्तु स्थिति की जानकारी ली। अखिलेश नौ मई को चंदौली जाकर वहां मृत युवती के परिजनों से मिलेंगे। पार्टी की रणनीति है कि घटनाओं पर रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि प्रदेश में एक के बाद एक जघन्य घटनाएं हो रही हैं। उनका आरोप है कि सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम है। ऐसे में सपा पीड़ितों के साथ खड़ी है। इन घटनाओं को सदन में सबूत के साथ उठाया जाएगा और सरकार की लापरवाही बताई जाएगी। कुल मिलाकर विपक्ष ललितपुर और चंदौली की घटनाओं को योगी सरकार के खिलाफ सियासत की नई प्रयोगशाला के रूप में देख रहा है।


वहीं योगी सरकार को भी इस बात का अहसास हो गया है कि चंदौली और ललितपुर की घटनाएं उसके लिए गले की फांस बन सकती हैं इसी लिए दोनों घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सरकार आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने उक्त घटनाओं पर दुख जताते हुए कहा कि पीड़ित हमारी बेटी जैसी है। उसके साथ कुछ गलत हुआ है तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा है कि विपक्षी दल आपराधिक मामलों का राजनीतिकारण न करें।


- अजय कुमार

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