By अंकित सिंह | Oct 05, 2021
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर राजनीति जबरदस्त तरीके से हो रही है। कांग्रेस पूरी तरीके से सरकार पर हमलावर है। इन सब के बीच यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। आपको इसके बारे में हम बताएंगे लेकिन बिहार की राजनीति भी दिलचस्प मोड़ पर खड़ी हैं। महागठबंधन में एक ओर जहां टकराव दिख रहा है तो वही चाचा-भतीजे की लड़ाई में रामविलास पासवान की पार्टी दो हिस्सों में बंट गई है और दोनों को अलग-अलग नाम और चुनाव चिन्ह भी निर्वाचन आयोग की ओर से दे दिया गया है।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामला
लखीमपुर खीरी हिंसा मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इसको लेकर दो वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखा है। पत्र में इस घटना की न्यायिक जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की अपील की गई है। साथ ही साथ यह भी कहा गया है कि पूरी घटना की एफआईआर दर्ज हो और आरोपी मंत्री पुत्र को सजा मिले। इसके साथ ही इस मामले में दोषी अधिकारियों और घटना में शामिल मंत्री और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाए।
दूसरी ओर लखीमपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस आक्रमक हो गई है। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आज ट्वीट कर यह तक कह दिया कि अगर बुधवार तक केंद्रीय मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी नहीं हुई तो पंजाब कांग्रेस लखीमपुर खीरी तक मार्च करेगी। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को रिहा करने के लिए भी कहा है। लखीमपुर हिंसा को लेकर विपक्षी एकता भी दिखाई देने लगी है। आज शिवसेना नेता संजय राउत ने राहुल गांधी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा कि प्रियंका गांधी गिरफ्तार हैं, इसलिए राहुल गांधी से मिलना जरूरी है। अगर कानून सबके लिए समान है तो प्रियंका गांधी जेल में क्यों है और मंत्री खुले घूम रहे हैं?
महागठबंधन में तकरार
बिहार में 2 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने है। यह सीट है कुशेश्वरस्थान और तारापुर। इस सीट को लेकर एनडीए एक साथ एक सहमति से चुनाव लड़ रहा है। लेकिन दिक्कत महागठबंधन में दिखाई दे रही है। राजद पहले ही दोनों ही सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित उतारने की घोषणा कर चुका है। लेकिन अब उसे कांग्रेस की ओर से चुनौती दी जा रही है। बिहार में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने साफ तौर पर राजद पर गठबंधन धर्म पालन नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि अब कांग्रेस दोनों ही सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इसी को लेकर जब तेजस्वी यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का फैसला था कि हमलोग 2 जगह से चुनाव लड़ेंगे। हम लोगों ने कांग्रेस प्रभारी से पहले ही बात कर लिया था कि राजद चुनाव लड़ना चाहती है। ये उपचुनाव है, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है।
पारस गुट को अलग-अलग नाम
निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को अंतरिम उपाय के तौर पर चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस के गुटों को पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए। आयोग ने कुछ दिन पहले ही इन पर ‘लोक जनशक्ति पार्टी’ (लोजपा) या पार्टी के चुनाव चिह्न ‘बंगले’ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। पासवान और पारस को लिखे अलग-अलग पत्रों में निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने चिराग पासवान गुट को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नाम और चुनाव चिह्न हेलीकॉप्टर आवंटित किया है। आयोग ने पारस से कहा कि आपके अनुरोध पर विचार करने के बाद आयोग ने आपके समूह के लिए राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी नाम और चुनाव चिह्न सिलाई मशीन का आवंटन किया है।