By अभिनय आकाश | Jul 30, 2021
भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर गतिरोध लगातार बना हुआ है। भारत सरकार चाहे सैन्य स्तर की बात हो या कूटनीतिक स्तर पर पूरी ताकत के साथ ये लड़ाई लड़ रही है। लेकिन ऐसे में चीन की ओर से दूतावास में एक सेमिनार का आयोजन किया जाता है और उसमें सीपीआईएम के सीताराम येचुरी और सीपीआई के डी राजा समेत कई अन्य वामपंथी नेता शिरकत होती है। ये सारा मामला है चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 वर्ष पूरा होने के अवसर पर जश्न के आयोजन से जुड़ा। दरअसल, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर भारत में चीन के दूतावास में सेमिनार का आयोजन किया जाता है। सेमिनार में सीताराम येचुरी डी राजा सहित कई नेता शामिल हुए। बीजेपी की ओर से सेमिनार में शामिल होने पर लेफ्ट नेताओं की आलोचना की है।
गलवान और पैंगोंग का जिक्र
इस सेमिनार का थीम था- 'पार्टी-निर्माण, आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अनुभव साझा करना' था।' लेफ्ट फ्रंट के नेताओं की मौजूदगी में चीनी राजदूत ने इस मौके पर पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली और पैंगोंग लेक की घटनाओं का भी जिक्र किया। अपने भाषण के दौरान लद्दाख और गलवान पर अपने देश का पक्ष रखते हुए चीन के राजदूत ने कहा कि पूरी दुनिया को पता है कि वहां किसने सही किया और किसने गलत।
कौन-कौन शामिल?
सीताराम येचुरी, महासचिव (माकपा)
डी राजा, महासचिव (भाकपा)
एस सेंथिलकुमार, सांसद (डीएमके)
जी देवराजन (अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक)
डू शियाओलिन, काउंसलर, अंतरराष्ट्रीय विभाग (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन)
बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी ने लेफ्ट के नेताओं के चीनी दूतावास में आयोजित सेमिनार में शामिल होने को लेकर निशाना साधा है। बीजेपी नेता जगदंबिका पाल ने कहा कि गलवान में जिस तरह से चीन ने विश्वासघात किया उस घटना को हम भूल नहीं सकते हैं। पाल ने कहा कि हमारे जवानों को एक-एक इंच भूमि की रक्षा के लिए शहादत देनी पड़ी। इसके बावजूद ये लोग गलबहियां कर रहे हैं। कभी राहुल गांधी चले जाते हैं और पूरे देश को नहीं मालूम होता है और चीन के राजदूत से मिलते हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि इससे साफ दिखता है कि उनकी भारत के प्रति कम वफादारी है और कम्युनिस्ट पार्टी व चीन के प्रति ज्यादा प्रेम है।
लेफ्ट ने किया बचाव
सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम ने इस सारे मामले का बचाव करते हुए कहा कि हमारी पहली, दूसरी और आखिरी प्राथमिकता भारत ही है। हम बीजेपी से ज्यादा भारतीय हैं।