झील तो शायद आपने बहुत देखी होगी, लेकिन लद्दाख की झीलों जैसी खूबसूरत और साफ झीलें यकीनन आपको कहीं और नहीं मिलेगी। कुदरत की अनमोल देन है लद्दाख की सुंदरता। बर्फ से ढंके ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और नीचे बनी छोटी-छोटी झीलें इसकी सुंदरता में चार चांद लगाती हैं। यहां का पानी इतन साफ है कि आपको इसमें अपना अक्स नज़र आएगा। लेह-लद्दाख ट्रैकिंग के शौकीनों की तो पहली पसंद है, प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए भी लद्दाख किसी जन्नत से कम नहीं है।
लेह-लद्दाख ट्रैकिंग और मठों के लिए तो मशहूर है कि यहां की झीलें भी कम आकर्षक नहीं है। भले ही उदयपुर को झीलों की नगरी कहा जाता है, लेकिन लद्दाख की खूबसूरत झीलों को देखने के बाद आपका कहीं और जाने का मन नहीं होगा। चलिए आपको बताते हैं वहां की कुछ मशहूर झीलों के बारे में।
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त्सो मोरीरी
मोरीरी त्सो या मोरीरी लेक समुद्र तल से 15 हजार 075 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मोरीरी, भारत के हिमालय क्षेत्र की सबसे ऊंची झीलों में एक है। 19 किलोमीटर लंबी और 7 किलोमीटर चौड़ी यह झील पक्षियों के कारण बहुत मशहूर है। यहां पक्षियों की 34 प्रजातियां आती है जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटती है।
त्सो कार
इस झील को ट्विन लेक यानी जुड़वा झील भी कहा जा सकता है क्योंकि इस झील के एक हिस्से का पानी खारा और दूसरे हिस्सा का ताजा है। दक्षिणी लद्दाख में स्थित इस झील के आसपास का तापमान मौसम के अनुसार बदलता रहता है, गर्मियों में यह 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है जबकि सर्दियों में -40 डिग्री सेल्सियस हो जाता है। लेह से यह झील करीब 160 किलोमीटर दूर है।
पैंगॉन्ग झील
यह लद्दाख की सबसे मशहूर झील है। यह लेह से करीब 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह दुनिया की सबसे ऊंची खारे पानी वाली झील है। इस झील की एक और खासितयत यह है कि इसका एक तिहाई हिस्सा भारत में है जबकि बाकी का हिस्सा तिब्बत में आता है। झील का पानी बिल्कुल साफ है और जब सुबह इस पर सूर्य की रोशनी पड़ती है तो पानी का रंग बदलता रहता है।
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यरब त्सो
यह झील भी बहुत सुंदर है। यरब त्सो जो नुब्रा वैली के पनामिक गांव में स्थित है। झील के आसापस का वातावरण शांतिपूर्ण और बेहद सुहाना है। यहां की हवा मे एक अनोखी खुशबू है जो आपको अपनी ओर आकर्षित करेगी।
झीलों के अलावा वहां ढेर सारे मठ और ट्रैकिंग के लिए बेहतरी जगह हैं जिसमें थिस्की और जांस्कर वैली मशहूर हैं। इसके अलावा आप यहां ऐतिहासिक सिंधु नदी भी देख सकते हैं। इस ऐतिहासिक नदी के आसपास का नज़ारा बेहद मनोरम है और यहां आप कैंपिंग और ट्रैकिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
- कंचन सिंह