भोपाल। राजधानी भोपाल के सीवेज टैंक में गिरने से मजदूर और इंजीनियर कि मौत हो गई है। करीब 20 फीट गहरे सीवेज टैंक के चैंबर का ढक्कन खुला था। और उसके पास ही कुछ जूते पड़े थे।
जब कुछ देर बाद आस पास के लोगो को शंका हुई तो पुछने पर बच्चों ने कुछ लोगों के अंदर जाने की बात बताई। जिसके बाद आनन फानन में सुचना गांधी नगर पुलिस को दी। पुलिस ने रस्सी से बांधकर लाशों को बाहर निकाला।
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दरअसल घटना की है। नगर निगम के जोन नंबर-1 स्थित लाऊखेड़ी क्षेत्र में अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी सीवेज टैंक का काम कर रही है। सीवेज लाइन अभी बंद है। लेकिन उसमें बारिश और घरों से निकलने वाला गंदा पानी भर गया है।
सोमवार को कंपनी के इंजीनियर दीपक सिंह और एक अन्य मजदूर जांच करने के लिए गए थे। उनके जूते बाहर रखे थे। सोनू मीणा जब वहां से गुजरे तो उन्हें जूते दिखाई दिए। अनहोनी की आशंका होने पर गांधी नगर थाना पुलिस को सूचना दी। वहीं नगर निगम और रेस्क्यू टीम को भी खबर दी गई।
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इस मामले को लेकर कमिश्नर कोलसानी ने सीवेज एवं सीवेज प्रकोष्ठ इंचार्ज संतोष गुप्ता को अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरुद्ध थाने में शिकायत करने के निर्देश दिए। कमिश्नर कोलसानी ने कहा कि थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इंचार्ज गुप्ता ने कहा कि इस मामले में कंपनी की लापरवाही है। जिसकी शिकायत करने के बाद गांधी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। वहीं प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी गई है।
गांधी नगर थाना प्रभारी अरुण शर्मा टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा लोगों ने जानकारी दी कि दो व्यक्ति सीवेज लाइन का काम कर रहे थे, जो काफी देर से ऊपर नहीं आए। तुरंत मौके पर पहुंचे। बाहर जूते पड़े थे। इसके चलते करीब 20 मिनट ऑपरेशन चलाकर दोनों लाशें बाहर निकाली गईं। आशंका है कि जहरीली गैस से उनका दम घुट गया।