उत्तर प्रदेश की खबरें: असंगठित कर्मकारों से अधिक से अधिक पंजीकरण कराने की श्रम मंत्री की अपील

By प्रेस विज्ञप्ति | Jul 15, 2021

प्रयागराज शहर की दक्षिणी विधानसभा की विद्युत समस्याओं को लेकर ऊर्जा मंत्री से मिले मंत्री नन्दी। रामबाग सब स्टेशन से शिवाजी पार्क तक 5.50 करोड़ की लागत से प्रस्तावित एचटी और एलटी लाइन की अंडरग्राउण्ड कार्य कराए जाने की मांग की। विद्युत तार अंडरग्राउण्ड कराए जाने से 3000 परिवारों को मिलेगा लाभ। ऊर्जा मंत्री ने प्रस्तावित योजना पर जल्द से जल्द वित्तीय स्वीकृति दिए जाने का आश्वासन दिया। उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ एवं हज, राजनैतिक पेंशन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री एवं प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा के विधायक नन्द गोपाल गुप्ता ’नन्दी’ ने आज अपने विधानसभा क्षेत्र की विद्युत समस्याओं को लेकर लखनऊ स्थित शक्ति भवन में माननीय ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जी से शिष्टाचार भेंट की। मंत्री नन्दी ने अपने विधानसभा क्षेत्र प्रयागराज में रहने वाले करीब तीन हजार परिवारों को बिजली के तारों के मकड़ जाल एवं आए दिन हो रहे छोटे-मोटे फाल्ट से पूरी तरह से छुटकारा दिलाने के लिए रामबाग सब स्टेशन से शिवाजी पार्क तक छह किलोमीटर एरिया में 5.50 करोड़ रूपये की लागत से प्रस्तावित अंडरग्राउण्ड एचटी एवं एलटी लाइन शिफ्टिंग कार्य कराए जाने की मांग की, जिस पर ऊर्जा मंत्री ने जल्द से जल्द कार्य कराए जाने एवं वित्तीय स्वीकृति दिए जाने का आश्वासन दिया। मंत्री नन्दी ने ऊर्जा मंत्री को बताया कि शहर की दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में जीटी रोड पर रामबाग सब स्टेशन से शिवाजी पार्क के बीच तिलक रोड, सुलाकी चैराहा, लोहिया पांडेय का हाता, कोठा पार्चा, रामभवन चैराहा आदि इलाकों में लगे बिजली के खंभों और उन पर फैले तारों के मकड़जाल से लोगों को काफी दिक्कत होती है। तारों के मकड़जाल से आए दिन विद्युत फाल्ट की समस्या बनी रहती है। इस समस्या से करीब तीन हजार परिवारों को राहत दिलाने और बिजली के खंभों को हटा कर एचटी और एलटी लाइन को अंडरग्राउण्ड किए जाने का प्रस्ताव बनाया गया है।

मंत्री नन्दी ने कहा कि जीटी रोड पर रामबाग सब स्टेशन से शिवाजी पार्क तक छह किलोमीटर एरिया में एचटी और 37 किलोमीटर एरिया में एलटी लाइन को अंडरग्राउण्ड किए जाने से एक तरफ जहां सड़क चौड़ी हो जाएगी वहीं विद्युत फाल्ट की समस्या से लोगों को राहत भी मिल जाएगी। मंत्री नन्दी ने कहा कि एचटी और एलटी लाइन अंडरग्राउण्ड किए जाने से ठाकुरदीन का हाता, मुनव्वर वाली गली, पीली कोठी, बंशीधर मार्केट, कोठा पार्चा, लोहिया पांडेय का हाता आदि इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी सहूलियत होगी। ऊर्जा मंत्री ने प्रस्तावित योजना पर जल्द से जल्द वित्तीय स्वीकृति दिए जाने का आश्वासन दिया।

जनपद सिद्धार्थनगर के बाह्य न्यायालय परिसर में 16 अतिरिक्त न्यायालय कक्ष के निर्माण हेतु 961.47 लाख रूपये स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद सिद्धार्थनगर के बाह्य न्यायालय परिसर में 16 अतिरिक्त न्यायालय कक्ष के निर्माण हेतु 961.47 लाख रूपये (नौ करोड़ इकसठ लाख सैतालिस हजार) की धनराशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में न्याय विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इस धनराशि का उपयोग 31 मार्च, 2022 तक अवश्य कर लिया जाए। स्वीकृत धनराशि जिस कार्य में स्वीकृत है उसका व्यय उसी कार्य में किया जाए।

प्रदेश के तीन उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी स्थानान्तरित

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां एवं पंचायतें, उत्तर प्रदेश के अंतर्गत तीन उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारियों का स्थानान्तरण तथा दो वित्त अधिकारियों को मण्डल का अतिरिक्त प्रभार प्रदान किया है। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा आवश्यक आदेश जारी कर दिया गया है। वित्त विभाग द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी श्री बृजेश कुमार दीक्षित को बस्ती मंडल से स्थानान्तरित करते हुए वाराणसी मंडल में तैनाती प्रदान की गई है। इसके साथ ही श्री दीक्षित को आजमगढ़ मंडल का अतिरिक्त प्रभार भी प्रदान किया गया है। उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी वाराणसी मंडल श्री योगेश बाजपेयी का स्थानांतरण मेरठ मंडल में किया गया है। उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी देवीपाटन मंडल श्री अरविंद कुमार यादव को स्थानांतरित करते हुए उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी आगरा मंडल बनाया गया है। इसी प्रकार उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी गोरखपुर मंडल श्री नसीर अहमद को बस्ती मंडल का अतिरिक्त प्रभार प्रदान किया गया है । ऐसे ही उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी अयोध्या मंडल श्री राजेश कुमार पाण्डेय को देवीपाटन मंडल का अतिरिक्त प्रभार प्रदान किया गया है।

उत्तर प्रदेश राज्यपाल सचिवालय के सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के पेंशन प्रकरण ’’ई-पेंशन सिस्टम’’ के माध्यम से निस्तारित किए जाएंगे

उत्तर प्रदेश राज्यपाल सचिवालय के सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के पेंशन प्रकरण ’’ई-पेंशन सिस्टम’’ के माध्यम से निस्तारित किए जाएंगे। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव वित्त एस0 राधा चौहान द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि शासनादेश के निर्गत होने के उपरांत सेवानिवृत होने वाले कार्मिकों के पेंशन प्रकरण ई-पेंशन सिस्टम के माध्यम से निस्तारित किए जाएंगे। ऐसे कार्मिक को जो इस शासनादेश के निर्गत होने की तिथि के पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके हैं, परन्तु उनके पेंशन प्रपत्र, पेंशन अधिकार पत्र निर्गत करने वाले प्राधिकारी को प्रेषित नहीं किए गए हैं, ऐसे कार्मिकों के प्रकरण भी ई-पेंशन सिस्टम के माध्यम से निस्तारित किए जाएंगे।

ग्राम पंचायतों में ग्रामीण श्रमिकां को विभिन्न निर्माण कार्यां के माध्यम से रोजगार सृजन के अवसर प्रदान किये जा रहे है

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों में ग्रामीण श्रमिकों को ग्राम पंचायतों में विभिन्न निर्माण कार्यो के माध्यम से रोजगार सृजन के अवसर विशेष प्रयास करते हुए प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। पंचायती राज विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायतों में कराये जाने वाले कार्यों में विशेषकर पंचायत भवनों के निर्माण, व्यक्तिगत व सामुदायिक शौचालय निर्माण के साथ वित्त आयोग की धनराशि से कराये जाने वाले विभिन्न निर्माण कार्यां में कामगारों को अवसर प्रदान कर रोजगार सृजन किया गया, जिसके द्वारा अब तक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत 1,95,29,066 वित्त आयोग के अन्तर्गत 2,90,47,263 तथा आर0जी0एस0ए0 पंचायत भवन निर्माण अन्तर्गत 36,58,416 मानव दिवसों का सृजन किया गया है। उल्लेखनीय है कि ग्रामों में पंचायत भवन बन जाने से ग्रामीणों को पंचायत भवन में बैठक कर गाँवों के विकास पर चर्चा करते हुए गाँव का विकास बेहतर ढं़ग से हो रहा है।

मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अन्तर्गत कुपोषित बच्चों के पात्र एवं इच्छुक परिवारां को गोवंश उपलब्ध करायी जा रही। 1665 कुपोषित परिवारों को 1674 गोवंश उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया गया। मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अन्तर्गत कुपोषित बच्चों के पात्र एवं इच्छुक परिवारां को जिले में स्थापित एवं संचालित विभिन्न प्रकार के गोवंश आश्रय स्थलों से गाय उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की गई है। प्रदेश में पोषण मिशन के अर्न्तगत अद्यतन 1665 कुपोषित परिवारों को 1674 गोवंश उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया गया है।

पशुधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार  इस योजना के तहत महिलाओं और बच्चों के पोषण के स्तर को बेहतर रखने के लिए कुपोषित बच्चों के परिवार जिनके पास गाय रखने का स्थान हो और वह गौ पालन के इच्छुक हों, उन्हें आच्छादित किया गया है। लाभार्थी की इच्छानुसार उसे गो आश्रय स्थल पर उपलब्ध गायों में से गाय चुनने का अवसर भी दिया गया है।

जनपदों में जिलाधिकारी ऐसे इच्छुक कृषकों/पशुपालकों व अन्य व्यक्तियों को चिन्हित करा रहें हैं, जो निराश्रित गोवंश की पालने हेतु तैयार है। इच्छुक व्यक्ति को जिलाधिकारी द्वारा रू0 30/-(रूपये तीस मात्र) प्रति गोवंश प्रतिदिन की दर से भरण-पोषण हेतु धनराशि दी जाती है। लाभार्थी को यह धनराशि उसके बैंक खाते में प्रतिमाह डी0बी0टी0 प्रक्रिया द्वारा हस्तान्तरित करने की व्यवस्था की गई है।

लाभार्थी को गोवंश सरकार/जिला प्रशासन द्वारा स्थापित व संचालित अस्थायी/स्थायी केन्द्रों के माध्यम से सुपुर्द किया जाता है। लाभार्थी द्वारा गोवंश को किसी भी दशा में विक्रय या छुटटा नही छोड़ा जा सकता है। गाय प्रदान किये जाने की कार्यवाही यथासम्भव जनप्रतिनिधिगण की उपस्थिति में सम्पन्न की जा रही है। महिलाओं और बच्चों का कुपोषण दुर करने में गोवंश की अत्यंत उपयोगिता है।

मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अन्तर्गत कुपोषित बच्चों के पात्र एवं इच्छुक परिवारां को गाय उपलब्ध कराये जाने से प्रत्येक परिवार में दूध की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है, जो बच्चों एवं माताओं के लिए ।

प्रदेश के विभिन्न नगरों में पेयजल आपूर्ति में सुधार हेतु राज्य सेक्टर अन्तर्गत नगरीय निकायों हेतु अनुदान के रूप में धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है। परियोजना का चयन एवं विरचन कार्य सम्बन्धित निकाय की सहमति से जल निगम द्वारा किया जाता है।

उ0प्र0 जल निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 में 67 निर्माणाधीन योजनाओं के विरूद्ध 1499.55 करोड़ रूपये की वित्तीय स्वीकृतियॉ शासन द्वारा निर्गत की गई है। वर्ष 2019-20 में 57 योजनाओं में से 12 योजनायें पूर्ण कर जनोपयोगी बनायी गयी। वर्ष 2020-21 मे 28 नयी स्वीकृत योजनायें सम्मिलित करते हुए कुल 80 योजनाओं के विरूद्ध 31 दिसम्बर, 2020 तक 50.28 करोड ़रूपये की वित्तीय स्वीकृतियॉ जारी हुई है तथा कुल वित्तीय स्वीकृति 1027.28 करोड़ रूपये है एवं उसके विरूद्ध व्यय 908.39 करोड़ रूपये है। वर्ष 2020-21 में दिनांक 31 दिसम्बर, 2020 तक 13 योजनायें पूर्ण कर जनोपयोगी की जा चुकी हैं। शेष 67 योजनाओं के कार्य प्रगति पर है।

पिपराइच एवं मुंडेरवा चीनी मिलों द्वारा कुल रु0 9.52 करोड़ गन्ना मूल्य का किया गया भुगतान

उत्तर प्रदेश राज्य  चीनी एवं गन्ना विकास निगम लिमिटेड की पिपराइच चीनी मिल द्वारा रू0 05 करोड़ 11 लाख तथा मुंडेरवा चीनी मिल द्वारा रू0 04 करोड़ 41 लाख गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है।

चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जनपद गोरखपुर स्थित  पिपराइच चीनी मिल द्वारा पेराई सत्र 2020-21 के दौरान 24.98 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गई। मिल द्वारा अपने स्रोतों से कुल देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष अब तक 94.32 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है।

इसी प्रकार जनपद बस्ती स्थित मुंडेरवा चीनी मिल द्वारा पेराई सत्र 2020-21 के दौरान 34.66 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गई। मिल द्वारा देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष 63.56 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। पेराई सत्र 2020-21 के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतु भी चीनी मिल प्रतिबद्ध है।

असंगठित कर्मकारों से अधिक से अधिक पंजीकरण कराने की श्रम मंत्री की अपील

प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने तथा इन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 09 जून, 2021 को उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल का शुभारंभ किया तथा असंगठित श्रमिकों के कल्याणार्थ मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना संचालित की गई। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए श्रमिको को उ0 प्र0 सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल ूूण्नचेइण्पद में पंजीकरण कराना होगा। श्रम मंत्री ने बताया कि असंगठित क्षेत्र के अंतर्गत कार्य करने वाले 45 प्रकार के कर्मकारों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें बीमारी के दौरान प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 05 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रही है। साथ ही मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत असंगठित श्रमिकों की दुर्घटना की स्थिति में 25 प्रतिशत की दिव्यांगता पर 50 हजार रुपये, 50 प्रतिशत  की दिव्यांगता पर एक लाख रुपये तथा पूर्ण रूप से शारीरिक अक्षमता की स्थिति में या मृत्यु होने पर श्रमिक के आश्रित को दो लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। श्रम मंत्री ने बताया कि असंगठित श्रमिक अपना पंजीयन सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल पर स्वयं या ऑनलाइन माध्यम से किसी भी जन सुविधा केंद्र, सीएससी, लोकवाणी से करा सकते हैं। इसके लिए श्रमिक का आधार कार्ड, बैंक पासबुक तथा मोबाइल नं0 होना चाहिए। पंजीयन के लिए श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा मासिक आय 15 हजार रुपये से कम होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पंजीयन के लिए 10 रुपये, अंशदान हेतु 10 रुपये प्रतिवर्ष की दर से 05 वर्षों के लिए 50 रुपये, इस प्रकार कुल 60 रुपये पंजीयन शुल्क लिया जा रहा है। श्रम मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश में एक करोड़ असंगठित श्रमिकों का उ0 प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के तहत पंजीकृत किया जाना है। इसके लिए प्रत्येक जनपद को 1,33,500 श्रमिक पंजीयन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक 21,439 श्रमिक पंजीकृत किए जा चुके हैं। श्रम मंत्री ने श्रमिक पंजीयन में तेजी लाने के लिए श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है तथा असंगठित कर्मकारों से अधिक से अधिक पंजीकरण कराने की अपील की है। उन्होंने बताया कि श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा गठित उ0 प्र0 कामगार एवं श्रमिक (सेवायोजना और रोजगार) आयोग के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति के माध्यम से जिलाधिकारी द्वारा तथा मंडल स्तर पर मंडलायुक्त द्वारा सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के कार्यों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि श्रमिकों के एक करोड़ पंजीकरण लक्ष्य को पूरा किया जा सके।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 03 अरब 65 करोड़ 63 लाख से अधिक की धनराशि मंजूर

राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में केन्द्रांश की द्वितीय किश्त की अवशेष धनराशि 54845.156 लाख के सापेक्ष मैचिंग राज्यांश की धनराशि 36563.437 लाख रूपये (रूपये तीन अरब पैंसठ करोड़ तिरसठ लाख तैंतालीस हजार सात सौ मात्र) स्वीकार कर ली है। स्वीकृत धनराशि का व्यय प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत अनूसूचित जाति के लाभार्थियों हेतु किया जायेगा। इस सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही के लिए आयुक्त, ग्राम्य विकास विभाग, उ0प्र0 को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं, जिसमें यह उल्लिखित है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का उपयोग अनुमन्य धनराशि की सीमा तक ही किया जायेगा। पूर्व में कराये गये निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से पूर्ण रूप से संतुष्ट होने पर ही वास्तविक आवश्यकता के अनुसार अग्रतर किश्त व धनराशि का आहरण किया जायेगा।

जनपद बलरामपुर में खरझार नाले के लोहपनिया ब्रिज एवं रामपुर मैटहवा ग्राम समूह की सुरक्षा की परियोजना हेतु 01 करोड़ 38 लाख रूपए की धनराशि स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में नाबार्ड घोषित मद के अन्तर्गत जनपद बलरामपुर में खरझार नाले के लोहपनिया ब्रिज एवं रामपुर मैटहवा ग्राम समूह की सुरक्षा के लिए तटबंध निर्माण कार्य की परियोजना हेतु प्रथम किश्त के रूप में 01 करोड़ 38 लाख रूपए की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस सम्बंध में 13 जुलाई, 2020-21 को सिंचाई विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में यह निर्देश दिया गया है कि कार्य शुरू करने से पहले सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाय। इसके साथ ही शासकीय व्यय में मितव्ययिता बरती जाय। प्रमुख अभियंता सम्बंधित मुख्य अभियंता को धनराशि आवंटित करेंगे। किसी भी दशा में अधीक्षण अभियंता/अधिशासी अभियंता को प्रमुख अभियंता द्वारा धनराशि आवंटित नहीं की जायेगी। प्रमुख अभियंता आवंटित धनराशि की सूचना 10 दिन के भीतर शासन को उपलब्ध कराएंगे। प्रमुख अभियंता द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जायेगा। प्रमुख अभियंता द्वारा भविष्य में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि भूमि अध्याप्ति हेतु अनुमोदित लागत से अधिक धनराशि अवमुक्त नहीं की जायेगी। इसके अलावा प्रमुख अभियंता नाबार्ड की शर्तों तथा योजना की गाइडलाइन्स का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।

जनपद बस्ती के सदर तहसील में घाघरा नदी के बांये तट पर निर्मित कलवारी रामपुर तटबंध के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं ब्रिक सोलिंग की परियोजना हेतु     02 करोड़ 48 लाख रूपए की धनराशि अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में नाबार्ड घोषित मद के अन्तर्गत जनपद बस्ती के सदर तहसील में घाघरा नदी के बांये तट पर निर्मित कलवारी रामपुर तटबंध के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं ब्रिक सोलिंग के कार्य की परियोजना हेतु 02 करोड़ 48 लाख रूपए की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस सम्बंध में 13 जुलाई, 2020-21 को सिंचाई विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में यह निर्देश दिया गया है कि कार्य शुरू करने से पहले सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाय। इसके साथ ही शासकीय व्यय में मितव्ययिता बरती जाय। प्रमुख अभियंता सम्बंधित मुख्य अभियंता को धनराशि आवंटित करेंगे। किसी भी दशा में अधीक्षण अभियंता/अधिशासी अभियंता को प्रमुख अभियंता द्वारा धनराशि आवंटित नहीं की जायेगी। प्रमुख अभियंता आवंटित धनराशि की सूचना 10 दिन के भीतर शासन को उपलब्ध कराएंगे। प्रमुख अभियंता द्वारा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जायेगा। प्रमुख अभियंता द्वारा भविष्य में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि भूमि अध्याप्ति हेतु अनुमोदित लागत से अधिक धनराशि अवमुक्त नहीं की जायेगी। इसके अलावा प्रमुख अभियंता नाबार्ड की शर्तों तथा योजना की गाइडलाइन्स का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। इस धनराशि के व्यय के लिए जारी समस्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाय।

नेशनल न्यूट्रीशन मिशन कार्यक्रम हेतु 01 अरब 44 करोड़ 01 लाख 10 हजार रूपये स्वीकृत

प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में नेशनल न्यूट्रीशन मिशन कार्यक्रम में प्रावधानित धनराशि के सापेक्ष 01 अरब 44 करोड़ 01 लाख 10 हजार रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। इस संबंध में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में नेशनल न्यूट्रीशन मिशन कार्यक्रम में (के.80/रा.20-के.़रा.) के मानक मद में प्रावधानित धनराशि 41456.14 लाख रूपये के सापेक्ष केन्द्रांश 14401.10 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है। शासनादेश के अनुसार स्वीकृत धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकतानुसार एवं नियमानुसार किया जायेगा। योजना हेतु भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों एवं गाइडलाइन का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

मंत्री श्री कपिल देव अग्रवाल ने विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर सभी युवाओं को हार्दिक शुभकामनाएँ दी

प्रदेश के व्यवासायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री कपिल देव अग्रवाल ने विश्व युवा कौशल दिवस की देश व प्रदेश के सभी युवाओं को हार्दिक शुभकामनाएँ दी है। उन्होंने युवाओं का आवाहन करते हुए कहा है कि  सभी युवा कौशल विकास अभियान स्किल इण्डिया से जुड़े। उन्होंने युवाओं से कहा कि एक कुशल वर्कफोर्स बनें और देश को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने में अपना योगदान दें।

प्रदेश सरकार को नौनिहालों की भी फिक्र

योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में प्रदेश सरकार कोरोना पर नकेल कसने के साथ ही इससे प्रभावित विभिन्न वर्गों को कोरोना के पश्चप्रभाव से उबारने के लिए संजीदगी से कार्य कर रही है। ऐसे ही वर्ग मे ंप्रदेश के बच्चे आते है जोकि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोरोना से प्रभावित हो चुके हैं, या जिन्हें भविष्य में कोरोना की तीसरी लहर से प्रभावित होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। प्रदेश सरकार ने बच्चों के वर्तमान व भविष्य को सुरक्षित करने के लिए चाकचौबन्द व्यवस्था की है। इसके तहत करीब 50 लाख गरीब बच्चों को कोरोना दवा की किट बांटने की योजना प्रारम्भ की है। पहले चरण में 17 लाख किट गांवों में वितरित की जा रही है। यह दवा किट निगरानी समितियों के माध्यम से 18 साल से कम उम्र के कोरोना लक्षण युक्त बच्चों को प्रदान की जायेगी। यह भी गौरतलब है कि बच्चों को उम्र के अनुसार अलग-अलग किट प्रदान की जायेगी। इस कार्य में (73 हजार) निगरानी समितियों को लगाया गया है। प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ऐसे बच्चों की शिक्षा व उनके पालन पोषण के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की है। इसके अन्तर्गत ऐसे बच्चों को पात्र बनाया गया है जिनके माता-पिता या अभिभावकों का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया है। इस योजना के तहत प्रदेश सरकार अनाथ बच्चों के समुचित पालन पोषण के लिए उनके व्यस्क होने तक पालनकर्ता को 4000 रूपये प्रतिमाह की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। बच्चों को अध्ययन में सुगमता के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लैपटॉप अथवा टैबलेट भी प्रदान किया जायेगा। साथ ही राज्य सरकार अनाथ बालिकाओं के विवाह के लिए 101000 रूपये की राशि भी देगी। प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत अधिक से अधिक बच्चों को कवर करने के लिए आय सीमा 02 लाख प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 03 लाख प्रतिवर्ष कर दी है। प्रदेश सरकार द्वारा देश के भावी कर्णधारों के लिए उठाये गये कदम निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होंगे।

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