नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) इस महीने के अंत में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से संबंधित मामले पर अपना निर्णय सुना सकती हैं। जाधव पाकिस्तान की हिरासत में हैं और उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई है। भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सज़ा सुनाई थी। इसके बाद भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच नहीं देने को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ मई 2017 में आईसीजे का रूख किया था।
भारत ने 48 वर्षीय जाधव के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य अदालत के‘हास्यपद मुकदमे’ को भी चुनौती दी थी। आईसीजे ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान को मामले का निर्णय आने तक जाधव की मौत की सज़ा की तामील पर भी रोक लगा दी थी। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने फरवरी में चार दिन की सुनवाई की थी जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपनी अपनी दलीलें रखी थी।
इसे भी पढ़ें: सांसदों को बोध होना चाहिए उनकी बातों से लोकतंत्र की साख बनती-बिगड़ती है: अमित शाह
भारत ने आईसीजे से जाधव की मौत की सज़ा को रद्द करने तथा उनकी तुरंत रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया है और कहा है कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत का फैसला ‘हास्यपद मामले’पर आधारित है और वाजिब प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों तक को संतुष्ट नहीं कर पाता है। भारत ने कहा कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां उनके कारोबारी हित हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने सवाल करने पर बताया कि आईसीजे इस महीने फैसला सुनाएगा। उन्होंने बताया कि तारीख का एलान आईसीजे करेगा।