सोल। उत्तर कोरिया के हाल के प्रदर्शन जिसमें उसके पास अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) के जखीरे का खुलासा हुआ है, उसे देखते हुए दक्षिण कोरिया और सहयोगियों को आशंका है कि प्योंगयांग का अगला कदम और भी बड़ा हो सकता है। अपनी सैन्य क्षमताओं के प्रदर्शन के लिए उत्तर कोरिया आमतौर पर कुछ विशिष्ट तारीखों या मौकों को चुनता है। दक्षिण कोरिया के अधिकारियों का कहना है कि संभवत: प्योंगयांग छठा परमाणु परीक्षण या आईसीबीएम का पहला परीक्षण मंगलवार को देश की सेना के स्थापना दिवस पर कर सकता है।
इन कदमों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उत्तर कोरिया को लेकर फिलहाल विकसित हो रहीं नीतियों की भी परीक्षा होगी। ऐसी खबरें हैं कि ट्रंप ने सैन्य विकल्पों को आजमाने या उत्तर कोरिया की सरकार को जोर-जबरदस्ती से सत्ता से हटाने के बजाए चीन की मदद से प्योंगयांग पर दबाव बनाने की रणनीति पर सहमति जताई है। चीन उत्तर कोरिया का प्रमुख सहयोगी है। अमेरिकी वाणिज्य उपग्रह से हाल में आई तस्वीरों में उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण स्थल के इर्दगिर्द गतिविधियों के बढ़ने का पता चला था। तीसरी पीढ़ी के तानाशाह किम जांग उन ने कहा भी था कि आईसीबीएम लांच की देश की तैयारी ‘‘अंतिम चरण’’ में है। सोल के रक्षा मंत्रालय ने भी कहा था कि ऐसा लगता है कि उत्तर कोरिया इस तरह के ‘‘रणनीतिक उकसावे’’ को किसी भी समय अंजाम देने के लिए तैयार है।