Kolkata Rape Murder Case में सुप्रीम कोर्ट ने दी शाम 5 बजे तक की लीमिट, Doctors ने काम बंद हड़ताल जारी रखने का किया फैसला

By रितिका कमठान | Sep 10, 2024

कोलकाता रेप केस और मर्डर के खिलाफ डॉक्टरों का प्रदर्शन लगातार जारी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे है। इस घटना को लेकर डॉक्टरों ने इंसाफ की मांग करने के लिए काम बंद किया हुआ है। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अल्टीमेटम दिया है कि मंगलवार 10 सितंबर की शाम 5 बजे तक डॉक्टर काम पर लौटें।

 

इस संबंध में सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की बंगाल शाखा ने भी कहा कि वह प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से "पूरी तरह निराश" है। इस बीच, कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में ‘9-9-9’ नामक कार्यक्रम के तहत रैलियां निकाली गईं, जिसमें लोग सोमवार शाम को घड़ी में 9 बजते ही नौ मिनट के लिए एकत्र हुए और आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की। राष्ट्रगान गाते हुए सैकड़ों लोग श्यामबाजार, एस्प्लेनेड, न्यू टाउन, जादवपुर 8बी टर्मिनस के अलावा पड़ोसी हावड़ा शहर के बल्ली और मंदिरतला में नौ मिनट तक एकत्र हुए।

 

ये हैं मुख्य अपडेट

- सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों को पश्चिम बंगाल सरकार की प्रतिकूल कार्रवाई से बचने के लिए मंगलवार शाम 5 बजे तक अपनी ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह निर्देश पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बाद दिया कि अगर प्रदर्शनकारी डॉक्टर काम पर लौटते हैं तो उनके खिलाफ दंडात्मक तबादलों सहित कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

 

- हड़ताली डॉक्टरों ने कहा कि वे मंगलवार दोपहर को साल्ट लेक स्थित स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ तक एक रैली निकालेंगे और राज्य के स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक के इस्तीफे की मांग करेंगे।

 

- समाचार एजेंसी पीटीआई ने कोलकाता में शासी निकाय की बैठक के बाद प्रदर्शनकारी डॉक्टरों में से एक के हवाले से कहा, "हमारी मांगें पूरी नहीं हुई हैं और पीड़ित को न्याय नहीं मिला है। हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और साथ ही 'काम बंद' भी करेंगे। हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य सचिव और डीएचई इस्तीफा दें। कल दोपहर हम स्वास्थ्य भवन तक रैली निकालेंगे।"

 

- एक बयान में आईएमए बंगाल राज्य शाखा ने मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो और पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की तथा उन पर प्रशिक्षु डॉक्टर को न्याय दिलाने और स्वास्थ्य गिरोह पर कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।

 

- आईएमए ने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन "खत्म नहीं होगा" तथा समाधान तक पहुंचने तक यह "और मजबूत होता जाएगा"।

 

- आईएमए ने बयान में कहा, "हम अदालत और सीबीआई की कार्यवाही से पूरी तरह निराश हैं। हमारे साथी को न्याय दिलाने के लिए त्वरित सुनवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। हमें यह जानकर और भी निराशा हुई कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जूनियर डॉक्टरों, जो इस विरोध प्रदर्शन के अग्रदूत हैं, को कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटने को कहा है।"

 

- सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को काम पर लौटने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश की सराहना की और कहा कि चिकित्सकों का प्राथमिक कर्तव्य जीवन बचाना है और इस प्रतिबद्धता से समझौता नहीं किया जा सकता।

 

- मृतक प्रशिक्षु डॉक्टर की मां ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर वित्तीय मुआवज़ा न देने के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया है। सोमवार को, उन्होंने सीएम के दावे का खंडन करते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने उनकी बेटी की दुखद मौत के बाद पैसे की पेशकश की थी। समाचार एजेंसी एएनआई ने पीड़िता की मां के हवाले से कहा, "मुख्यमंत्री झूठ बोल रही हैं। मेरी बेटी वापस नहीं आएगी। क्या मैं उसके नाम पर झूठ बोलूंगी? मुख्यमंत्री ने हमें बताया कि हमें पैसे मिलेंगे और सुझाव दिया कि हम अपनी बेटी की याद में कुछ बनाएं। मैंने जवाब दिया कि मैं अपनी बेटी को न्याय मिलने के बाद पैसे लेने उनके कार्यालय आऊंगी।"

 

- पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर की फोरेंसिक रिपोर्ट पर संदेह जताया और कहा कि उसने आगे की जांच के लिए नमूने एम्स भेजने का फैसला किया है।

 

- सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, मौत हत्या थी और बलपूर्वक प्रवेश और यौन हमले के सबूत हैं।

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