By Anoop Prajapati | Sep 02, 2024
जम्मू-कश्मीर के वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा जम्मू कश्मीर की सत्ता में प्रभाव रखते थे तो सिर्फ एक वर्ग विशेष पर विशेष रुप से मेहरबान रहते थे। फरवरी 2017 में कांग्रेस में शामिल होने से पूर्व वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष नेताओं में एक थे। वह उन चंद गिने चुने लोगों में शामिल थे, जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद के साथ मिलकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया था। वह पीडीपी के संस्थापक महासचिव रहे हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से पहले वह कुछ समय तक नेशनल कांफ्रेंस में भी सक्रिय रहे।
तारिक हमीद कर्रा का जन्म 28 जून 1955 को जम्मू-कश्मीर में हुआ था। उन्होंने 2014 के भारतीय आम चुनाव में जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में नेशनल कॉन्फ्रेंस के डॉ फारूक अब्दुल्ला को 40000 से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल की थी और इस तरह इस अनुभवी राजनेता को 4 दशकों में अपनी पहली चुनावी हार का सामना करना पड़ा था। वह शुरू से ही भाजपा-पीडीपी गठबंधन के कटु आलोचक थे और उन्होंने सितंबर 2016 में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं के विरोध में लोकसभा और पीडीपी से इस्तीफा दे दिया था, जिसके वे संस्थापक सदस्य थे और बाद में फरवरी 2017 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और बाद में उन्हें कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य के रूप में नामित किया गया।
जो कश्मीर घाटी से किसी भी राजनेता के लिए पहला था। उन्होंने जम्मू और कश्मीर राज्य के वित्त, योजना और कानून मंत्री के रूप में भी काम किया है। कांग्रेस की कार्यकारी समिति के सदस्य तारिक हमीद कारा को वर्ष 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने पहले जम्मू कश्मीर विधानपरिषद का सदस्य बनवाया और उसके बाद बटमालू विधानसभा क्षेत्र के विधायक गुलाम मोहियुद्दीन शाह के निधन पर हुए उपचुनाव में उन्हें पीडीपी का उम्मीदवार बनाया था। कारा ने चुनाव जीता और विधानसभा के सदस्य बने। इसके बाद उन्हें जम्मू कश्मीर राज्य में बतौर वित्त मंत्री, आवास एवं शहरी विकास विभाग और वनमंत्री भी सरकार में अपनी जिम्मेदारी निभाने का मौका खूब मिला।