जानिए कौन हैं राजा राजा महेंद्र प्रताप सिंह और क्या है उनका काबुल कनेक्शन, PM मोदी जिनके नाम पर यूनिवर्सिटी का करेंगे शिलान्यास

By अभिनय आकाश | Sep 14, 2021

एएमयू के बगल में बनने वाली राजा महेंद्र प्रताप यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखने के लिए पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हैं। आज वो राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर स्थापित होने वाले विश्वविद्यालय की नींव रखेंगे। वह यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अलीगढ़ नोड और राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी का प्रदर्शनी मॉडल भी देखेंगे। ऐसे में आपको बताते हैं कि कौन हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह और क्या है उनका काबुल कनेक्शन। 

कौन हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह? 

महेंद्र प्रताप सिंह हाथरस के राजा थे। राजा महेंद्र प्रताप सिंह के जाट समुदाय की होने की वजह से पश्चिमी यूपी में उनका काफी सम्मान है। दरअसल, महेंद्र प्रताप सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को ढाई एकड़ जमीन दान में दी थी। लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में उनके नाम का कुछ भी नहीं है। बीजेपी राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय के जरिये जाट वोटरों को अपने पाले में रखना चाहती है। राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम का इस्तेमाल सिर्फ राजनीति के लिए हो रहा है, ऐसा नहीं है। राजा महेंद्र प्रताप सिंह अपने पीछे बड़ी विरासत छोड़ कर गए हैं। महेंद्र प्रताप सिंह ने भारत की स्वतंत्रता के लिए 20-25 देशों में आजादी की अलख जगाने के लिए यात्रा की और 31 वर्ष आठ महीने वो विदेशों में रहे और 1946 में वे भारत लौटे।

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 महेंद्र प्रताप सिंह का योगदान

राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने बुलंदशहर से लेकर अलीगढ़, हाथरस और वृंदावन में अपनी संपत्ति का 60 से 70 फीसदी शिक्षण संस्थानों को दान में दे दिया। यहां तक की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को भी जमीन दान दी थी। हालांकि इतिहास में उनके किए गए कामों को दबा दिया गया। पहले विश्वयुद्ध के दौरान अफ़ग़ानिस्तान जाकर उन्होंने भारत की पहली निर्वासित सरकार बनाई। वे इस निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति थे। एक दिसंबर, 1915 को राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने अफ़ग़ानिस्तान में पहली निर्वासित सरकार की घोषणा की थी।

395 कॉलेज को संबद्ध किया जाएगा

राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय 92 एकड़ में बनेगा। इसे बनाने में करीब 101 करोड़ रुपये की लागत आएगी। अलीगढ़, कासगंज, हाथरस  और एटा के 395 कॉलेज को इसी विश्वविद्यालय से संबद्ध किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय के बनने के बाद अलीगढ़ मंडल के छात्र-छात्राओं को हाईयर एजुकेशन का फायदा मिलेगा। 

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