By अनन्या मिश्रा | Jun 28, 2023
हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। वहीं जन्माष्टमी के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप यानी की लड्डू गोपाल की पूजा का विधान है।
इस दिन लड्डू गोपाल की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। कई लोग अपने घर में लड्डू गोपाल को रखना चाहते हैं। ऐसे में आप जन्माष्टमी के शुभ मौके पर लड्डू गोपाल को अपने घर ला सकते हैं। हालांकि लड्डू गोपाल को घर में रखने पर कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
नियमित कराएं स्नान
लड्डू गोपाल भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप होता है। ऐसे में उनकी देखभाल बच्चे की तरह करनी चाहिए। लड्डू गोपाल को नियमित रूप से स्नान आदि करना चाहिए। स्नान कराने के लिए आप दूध, दही, शहद, गंगाजल और घी का इस्तेमाल करें। शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी डालकर लड्डू गोपाल को स्नान कराना चाहिए।
चार बार लगाएं भोग
जिस तरह से छोटे बच्चे दिन में कई बार खाना खाते हैं। ठीक उसी तरह लड्डू गोपाल को भी दिन में चार बार भोग लगाना चाहिए। श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री अतिप्रिय है। इसके अलावा आप खीर, बूंदी के लड्डू और हलवे का भी भोग लगा सकते हैं। आप चाहें तो लड्डू गोपाल को घर में पकने वाले भोजन का भी भोग लगा सकते हैं। इसलिए उन्हें दिन में 4 बार अलग-अलग चीजों का भोग लगाना चाहिए।
रोजाना करें पूजा-अर्चना
लड्डू गोपाल की नियमित रूप से पूजा की जानी चाहिए। उनकी दिन में चार बार आरती उतारना आवश्यक है।
जरूर झुलाएं झूला
लड्डू गोपाल की आरती किए जाने के बाद उन्हें अपने हाथों से भोग लगाएं। इसके बाद उनको लोरी सुनाते हुए झूला झुलाएं। फिर झूले में लगे परदों को बंद कर दें। बता दें कि रात को लड्डू गोपाल को सुलाने के बाद ही सोना चाहिए।
लड्डू गोपाल को न छोड़ें अकेला
बता दें कि लड्डू गोपाल को घर का सबसे छोटा सदस्य माना जाता है। बाल गोपाल को बच्चे की तरह रखना होता है। इसलिए अगर आप कहीं बाहर जाते हैं। तो इस दौरान लड्डू गोपाल को घर में अकेला न छोड़ें। वहीं अगर आप काफी समय के लिए कहीं बाहर जा रहे हैं तो लड्डू गोपाल को अपने साथ ले जाएं या फिर अपने घर की चाभी पड़ोसी व रिश्तेदार को रखकर जाएं। जिससे की लड्डू गोपाल का पूरा ध्यान रखा जा सके।