शिशु के जन्म के बाद उसके भीतर समझ विकसित होने में समय लगता है। यही कारण है कि शिशु के जन्म के शुरूआती सालों में उसकी हर छोटी−बड़ी बात का ध्यान पैरेंट्स को रखना होता है। जैसे उसके खाने से लेकर बिस्तर गीला करने तक हर एक बात का खास ध्यान रखा जाता है। लेकिन अगर बच्चा बड़ा होने के बाद भी बिस्तर गीला करे तो। वैसे तो इस समस्या के उपचार के लिए दवाई का सेवन किया जाता है, लेकिन अगर आप चाहें तो कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी इस समस्या का हल निकाल सकते हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपचारों के बारे में−
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दालचीनी
बच्चों में बिस्तर गीला करने की आदत छुड़वाने के लिए दालचीनी का सहारा लिया जा सकता है। आप उन्हें दिन में एक बार दालचीनी स्टिक चबाने के लिए दें। अगर वह मना करते हैं तो आप दालचीनी का पाउडर बनाकर भी उन्हें दे सकते हैं।
जैतून का तेल
जैतून के तेल को हल्का गर्म करके बच्चे के पेट के निचले हिस्से पर लगाकर रगड़ें। तेल के हीटिंग प्रभाव से बच्चे के पेशाब पर लगाम लगेगी।
एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर पेट में एसिड के स्तर को नियंत्रित करता है और इसलिए इसके इस्तेमाल से बार−बार पेशाब करने की इच्छा कम होती है। आप एक गिलास पानी में एप्पल साइडर विनेगर डालकर बच्चे को दें। इससे यकीनन उनकी स्थिति में काफी परिवर्तन आएगा।
गुड़
बच्चे ठंड में अधिक पेशाब करते हैं। अगर बच्चे का शरीर गर्म रहता है, तो वह रात में पेशाब नहीं करेगा। इसलिए आप उन्हें खाने के लिए गुड़ दें। गुड़ एक ऐसा भोजन है जो बच्चे के शरीर को गर्म रखेगा।
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केला
आप केले की मदद से भी बच्चे की बिस्तर गीला करने की आदत छुड़वाने में मदद करता है। बस आप हर दिन उन्हें दो पके हुए केले खाने को दें। कुछ ही दिनों में उनमें काफी परिवर्तन आएगा।
छोटी−छोटी बातें
ऐसी कई छोटी−छोटी बातें हैं, जिसकी मदद से बच्चे की इस आदत को धीरे−धीरे कम किया जा सकता है। जैसे आप बच्चे के सोने से दो−तीन घंटे पहले तक उसे तरल पदार्थ देने बंद कर दें। इसके अलावा आप हर रात उसे सोने से पहले बाथरूम जाने की आदत डालें। इससे भी बच्चे द्वारा रात में बिस्तर गीला करने की संभावना काफी कम हो जाती है। वहीं आप रात में एक निश्चित समय पर अलार्म लगाएं और उस समय बच्चे को उठाकर बाथरूम लेकर जाएं ताकि वह बिस्तर गीला ना करें। साथ ही ऐसा करने से बच्चों में पेशाब करने की आदत नियमित हो जाती है।
मिताली जैन