जब भी कोई पूजा पाठ या धार्मिक कार्य किया जाता है तो ओम को उच्चारण अवश्य किया जाता है। इतना ही शुभ अवसरों पर लोग अपने घरों में भी ओम लिखते है। यह एक ऐसा महामंत्र है, जिसे ईश्वर के संपर्क साधने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। हालांकि ओम के उच्चारण का सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं है, बल्कि यह सेहत के लिए भी उतना ही गुणकारी है। तो चलिए जानते हैं ओम के उच्चारण से तन−मन को मिलने वाले लाभों के बारे में−
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ऐसे करें उच्चारण
ओम का उच्चारण करने के लिए आप किसी शांत जगह पर बैठ जाएं। अब अपनी आंखें बंद करके गहरी सांस लें और फिर ओम का उच्चारण करें। कुछ देर ओम का उच्चारण करने के बाद फिर से गहरी सांस लें और यही प्रक्रिया दोबारा दोहराएं।
दूर होता है थायरॉइड
अगर आप थायरॉइड की समस्या से ग्रस्त हैं तो ओम का उच्चारण आपके लिए बेहद लाभकारी है। दरअसल, जब आप ओम का उच्चारण करते हैं तो इससे गले में कंपन होता है, जिससे थॉयराइड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और वह सही प्रकार से कार्य करने लगती है।
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दूर करे तनाव
आज के समय में हर व्यक्ति किसी न किसी तरह के तनाव से जूझ रहा है। लेकिन जब आप शांतिपूर्वक ओम् का उच्चारण करते हैं तो इससे मन शांत होता है और व्यक्ति को स्ट्रेस और घबराहट जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इतना ही नहीं, जब आप कुछ देर यह अभ्यास करते हैं तो इससे शरीर में एक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे व्यक्ति खुद को पूरा दिन प्रसन्न व ऊर्जावान महसूस करता है। चूंकि ओम का उच्चारण मानसिक शांति प्रदान करता है, इसलिए व्यक्ति को नींद संबंधी समस्या नहीं होती। साथ ही इससे माइंड एक्टिव होता है और कॉन्सट्रेशन बढ़ता है।
बीमारियों से बचाव
ओम का उच्चारण कई गंभीर बीमारियों से व्यक्ति को बचाता है। दरअसल, ओम के उच्चारण के दौरान व्यक्ति डीप ब्रीदिंग करता है, जिससे शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है। साथ ही साथ रक्त प्रवाह में भी सुधार होता है। जिससे व्यक्ति कई बीमारियों से स्वतः ही बच जाता है।
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सभी अंगों के लिए लाभदायक
ओम का उच्चारण शरीर के सभी अंगों के लिए लाभदायक है। जब शरीर में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है तो इससे हद्य, फेफड़ों व अन्य सभी अंग स्वस्थ रहते हैं। नियमित रूप से ओम का उच्चारण करने से व्यक्ति को थॉयराइड, ब्लड प्रेशर या डाइजेशन संबंधी समस्या नहीं होती।
मिताली जैन