कॉर्ड ब्लड बच्चे के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। यह उसके स्वस्थ भविष्य के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि पिछले कुछ समय से कॉर्ड ब्लड को स्टोर करने पर जोर दिया जा रहा है। यह कई मायनों में बच्चे के लिए लाभदायक है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान मां से गर्भस्थ शिशु को एक गर्भनाल जोड़ती है। इसमें जमा रक्त को ही कॉर्ड ब्लड कहा जाता है। जब शिशु जन्म लेता है तो कॉर्ड ब्लड को स्टोर कर लिया जाता है। वैसे तो यह सामान्य रक्त ही होता है, लेकिन इसमें स्टेम सेल काफी अत्यधिक मात्रा में होते हैं। इस कॉर्ड ब्लड को एक कॉर्ड ब्लड बैंक में स्टोर किया जाता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि कॉर्ड ब्लड को स्टोर करने से क्या फायदे मिलते हैं−
बीमारियों का मिलता है इलाज
चिकित्सक कहते हैं कि कॉर्ड ब्लड को स्टोर करने से भविष्य में बच्चे को होने वाली कई बीमारियों का इलाज आसानी से किया जा सकता है। ब्लड कैंसर से लेकर मायलोमा, लिम्फोमा, एनिमिया व जेनेटिकल ब्लड डिसऑर्डर आदि बीमारी के इलाज में कॉर्ड ब्लड बेहद काम आता है। डॉक्टर्स बताते हैं कि बच्चों में भविष्य में होने वाली 70 से 80 प्रतिशत बीमारियों का इलाज इस कॉर्ड ब्लड की मदद से किया जा सकता है। इतना ही नहीं, अगर भविष्य में कभी स्टेम सेल टांसप्लांट या बोन मैरो टांसप्लांट की जरूरत पड़ती है, तब भी यह कॉर्ड ब्लड बेहद काम आता है।
जानिए नुकसान भी
वैसे तो कॉर्ड ब्लड बैंक बच्चों के लिए काफी लाभदायक माना गया है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। मसलन, यह एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए काफी महंगा हो सकता है। कॉर्ड ब्लड बैंक बनाने के बाद आपको इसमें हर साल बराबर पैसा खर्च करना पड़ता है।
इसके अलावा भारत में लोग अभी कार्ड ब्लड बैंक को लेकर बहुत अधिक जागरूक नहीं है, जिसके कारण बेहद कम सरकारी व प्राइवेट ब्लड बैंक ही कॉर्ड ब्लड को स्टोर करने की सुविधा देते हैं।
मिताली जैन