छोटी हरड़ के औषधीय गुणों के कारण इसे कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हरड़ त्रिफला के तीन फलों में से एक है। भारत में हरड़ के वृक्ष हिमालय क्षेत्र में रावी तट से लेकर पूर्व बंगाल और असम तक पाए जाते हैं। हरड़ के पेड़ से जो फल गुठली पैदा होने से पहले गिर जाते हैं, या जिन्हें गुठली निकलने से पहले तोड़कर सुखा लिया जाता है, उसे छोटी हरड़ कहा जाता है। इससे सेहत को जहां कई प्रकार के लाभ होते हैं, वहीं कुछ नुकसान भी। तो चलिए जानते हैं छोटी हरड़ के फायदे व नुकसान के बारे में−
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फायदे
- छोटी हरड़ एलर्जी में बेहद प्रभावी रूप से काम करती है। आप चाहें तो पानी में उबालकर इसका काढ़ा बनाकर पीएं या फिर प्रभावित स्थान पर इस पानी का इस्तेमाल करें।
- मुंह में छाले होने पर छोटी हरड़ को पानी में घिसकर छालों पर लगाना चाहिए। इससे आपको काफी आराम मिलता है।
- छोटी हरड़ पाचन तंत्र के लिए भी रामबाण की तरह काम करती है। बस आप हरड़ को गर्म पानी में मिलाकर सेवन करके अपच से राहत मिलती है। वहीं छोटी हरड़ का चूर्ण रात के खाने के बाद व सोने से पहले लेने से कब्ज से छुटकारा मिलता है।
- हरड़ आंखों के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। हरड़ को पीसकर आंखों के आसपास लगाने से आंखों के रोगों से छुटकारा मिलता है।
- भोजन के बाद अगर पेट में भारीपन महसूस हो तो हरड़ का सेवन करने से राहत मिलती है।
- हरड़ का सेवन लगातार करने से शरीर में थकावट महसूस नहीं होती और स्फूर्ति बनी रहती है।
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नुकसान
- जहां हरड़ से व्यक्ति को बेहद लाभ होता है, वहीं कुछ मामलों में यह आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
- सबसे पहले तो किसी गर्भवती स्त्री को हरड़ का सेवन नहीं करना चाहिए और स्तनपान कराने वाली स्त्री को भी इसके सेवन से बचना चाहिए। इससे स्त्री के स्तन में दूध के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ सकता है।
- इसके अतिरिक्त हरड़ के सेवन की मात्रा पर भी ध्यान देना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका सेवन या लंबे समय तक इसका सेवन आपकी यौन शक्ति को प्रभावित करता है।
- दुबले व्यक्ति या कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- पांच वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों को भी हरड़ नहीं देनी चाहिए।
मिताली जैन