Navratri Day 2: नवरात्रि का दूसरा दिन, जानें माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और मंत्र

By प्रिया मिश्रा | Apr 02, 2022

नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। माता ब्रम्ह्चारिणी को माँ जगदम्बा का दूसरा स्वरुप माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, माता ब्रह्मचारिणी ने ही ब्राह्मण की रचना की थी, जिसकी वजह से उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठिन तपस्या की थी। उनकी इस तपस्या के कारण माता को ब्रह्मचारिणी नाम मिला। ब्रह्मचारिणी दो शब्दों को जोड़कर बना है-  ब्रम्हा - जिसका मतलब है तपस्या और चारिणी - जिसका मतलब है आचरण करना। 


ऐसा कहा जाता है कि माता ब्रह्मचारिणी के रूप में ब्रम्हा जी की शक्ति समाई हुई है। इसके अलावा, जो व्यक्ति भक्ति भाव से ब्रह्मचारिणी माता की पूजा करते हैं उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की श्रद्धापूर्वक पूजा करता है, उसे किसी प्रकार का भय नहीं सताता। ब्रह्मचारिणी माता हिमालय और मैना की पुत्री हैं। इन्होंने देवर्षि नारद जी के कहने पर भगवान शंकर की ऐसी कठोर तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने इन्हें मनोवांछित वरदान दिया। जिसके फलस्वरूप यह देवी भगवान भोलेनाथ की वामिनी अर्थात पत्‍‌नी बनीं।

इसे भी पढ़ें: नवरात्रि में माँ दुर्गा के इन नौ स्वरूपों के पूजन से मिलता है वांछित फल

ब्रह्मचारिणी माता की पूजा विधि 

मां दुर्गा के दूसरे रूप ब्रह्मचारिणी माता की पूजा करने के लिए सुबह सबसे पहले नहाकर साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए उनकी मूर्ति या तस्वीर को पूजा के स्थान पर स्थापित करें। माता ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल के फूल बेहद पसंद है इसलिए उनकी पूजा में इन्हीं फूलों को इस्तेमाल किया जाता है। माता को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगया जाता है। इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी की कहानी पढ़ें और इस मंत्र का 108 बार जप करें-

दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ।।

इसे भी पढ़ें: नवरात्रि में इन मंत्रों के साथ पूर्ण विधि-विधान से करें पूजन, सचमुच किस्मत के बंद दरवाजे खुल जाएंगे

ध्यान मंत्र 

वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्घकृत शेखराम्।

जपमाला कमण्डलु धरा ब्रह्मचारिणी शुभाम् ।।

गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।

धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम् ।।

परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।

पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम् ।।


स्तोत्र पाठ

तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।

ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम् ।।

शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।

शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम् ।।

 

- प्रिया मिश्रा 

प्रमुख खबरें

PM Narendra Modi कुवैती नेतृत्व के साथ वार्ता की, कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई

Shubhra Ranjan IAS Study पर CCPA ने लगाया 2 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने है आरोप

मुंबई कॉन्सर्ट में विक्की कौशल Karan Aujla की तारीफों के पुल बांध दिए, भावुक हुए औजला

गाजा में इजरायली हमलों में 20 लोगों की मौत