महिलाओं की हर समस्या का उपचार करती हैं स्त्री रोग विशेषज्ञ, ऐसे बनाएं इसमें कॅरियर

By वरूण क्वात्रा | Apr 09, 2020

जब भी व्यक्ति को किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या होती है तो वह डॉक्टर के पास ही जाता है। लेकिन शरीर की विभिन्न तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आज के समय में एक अलग डॉक्टर होता है, जो उस क्षेत्र का विशेषज्ञ होता है। वह व्यक्ति की परिस्थिति का गहराई से अध्ययन करके उसका एकदम सही उपचार करता है। ऐसी ही एक शाखा है गायनेकोलॉजी। गायनेकोलॉजिस्ट को स्त्री रोग विशेषज्ञ भी कहा जाता है, जो महिलाओं की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार करती हैं। तो चलिए जानते हैं किस तरह बनें स्त्री रोग विशेषज्ञ−

 

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क्या होता है काम

स्त्री रोग विशेषज्ञ महिला अंगों और प्रजनन प्रणाली के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित चिकित्सा विज्ञान की शाखा में विशेषज्ञ हैं। पेशेवरों के रूप में, स्त्री रोग विशेषज्ञ महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं, महिलाओं के लिए एक प्राथमिक चिकित्सक और अन्य चिकित्सकों के परामर्शदाता के रूप में कार्य करते हैं। उन्हें प्रजनन प्रणाली में रोगों और विकारों के निदान और उपचार के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भावस्था, यौन स्वास्थ्य और बांझपन या प्रजनन कैंसर जैसी गंभीर प्रजनन समस्याओं के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ का काम महिला जननांग, मूत्र और मलाशय के अंगों से संबंधित बीमारी और मुद्दों की पहचान करना है, रोगी को ठीक करना है और यदि आवश्यक हो, तो विकार को ठीक करने या रोगग्रस्त अंग को हटाने के लिए आवश्यक चिकित्सा सहायता या सर्जरी करते हैं।


योग्यता

स्त्री रोग विशेषज्ञ बनने के लिए, उम्मीदवारों को एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन)/ एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी)/ डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ मेडिसिन) या स्त्री रोग (डीजीओ) में डिप्लोमा कोर्स करना पड़ता है। इसके अलावा करीबन साढ़े चार साल का एमबीबीएस प्रोग्राम और एक साल की इंटर्निशप करने के बाद आप गायनेकोलॉजी में पोस्टग्रेजुएट कर सकते हैं। पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स (एमडी/एमएस/डीएनबी) आमतौर पर 3 साल की अवधि के होते हैं। स्त्री रोग (डीजीओ) पाठ्यक्रम में डिप्लोमा 2 वर्ष की अवधि का है। पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। निजी मेडिकल कॉलेजों के मामले में संस्थानों द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।

 

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व्यक्तिगत गुण

स्त्री रोग विशेषज्ञ को विन्रम होना चाहिए। साथ ही उनका कम्युनिकेशन स्किल भी अच्छा होना चाहिए, ताकि वह रोगी की छोटी सी छोटी समस्या को सुनकर उसका समाधान कर सकें। कई बार महिलाएं झिझक के कारण अपनी समस्या के बारे में बात नहीं करतीं, ऐसे में आपके पास आकर उन्हें कंफर्टेबल फील हों। इसके अलावा उनमें मजबूत नैतिकता, सेवा मानसिकता, आत्म−प्रेरित और जल्दी से निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए। इन सभी गुणों के अलावा स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास अच्छी याददाश्त और याद रखने की क्षमता होनी चाहिए। एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ में जिम्मेदारी की भावना होनी चाहिए, क्योंकि रोगी का जीवन पूरी तरह से उस पर निर्भर करता है।  


कॅरियर की संभावनाएं

स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जॉब की कोई कमी नहीं होती। आप सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों, क्लीनिक, आदि में काम कर सकते हैं। इसके अलावा आप मेडिकल स्कूल या संस्थान में बतौर गायनेकोलोजी लेक्चरर के रूप में काम कर सकते हैं। इतना ही नहीं, आप खुद का क्लीनिक भी खोल सकते हैं।


आमदनी

स्त्री रोग विशेषज्ञ का वेतन उनकी शैक्षिक डिग्री, वर्क एक्सपीरियंस, रोजगार के स्थान पर निर्भर करता है। एक फ्रेशर का वेतन 15000 से 30000 रूपए प्रतिमाह हो सकता है। वहीं चार−पांच वर्षों के अनुभव के बाद आपकी सैलरी 40000 से 80000 रूपए प्रतिमाह हो सकती है। सीनियर लेवल पर यह सैलरी 100000 से 200000 प्रतिमाह हो सकती है।


प्रमुख संस्थान

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, नई दिल्ली

बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, बैंगलोर

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, विभिन्न केन्द्र

मद्रास मेडिकल कॉलेज एंड गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल, चेन्नई

महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, इंदौर

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर

लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज, नई दिल्ली


वरूण क्वात्रा


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