By अनन्या मिश्रा | Jan 01, 2024
इलेक्ट्रिक सिग्नल हमारे दिल की धड़कनों को कंट्रोल करने का काम करता है। जब या कुछ देर या फिर पूरी तरह से बंद हो जाता है। तो इसको हार्ट ब्लॉकेज कहा जाता है। इस स्थिति में दिल की धड़कनें काफी धीमी हो जाती हैं। या फिर दिल धड़कना बंद कर देता है। ऐसा होने पर हमारा शरीर सही तरह से ब्लड को पंप नहीं कर पाता है। इस स्थिति में बेहोशी, थकान, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ होती है।
किसी भी व्यक्ति के लिए हार्ट ब्लॉकेज होना बहुत खतरनाक हो सकता है। इसके कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह के लोगों को हार्ट ब्लॉकेज की समस्या का ज्यादा खतरा होता है। साथ ही इसके बचाव के क्या उपाय हैं।
जानिए क्या है हार्ट ब्लॉकेज
हार्ट ब्लॉकेज का मतलब होता है कि दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में समस्या का होना। क्योंकि आपके दिल की धड़कनों की गति को कंट्रोल करने का काम हार्ट का इलेक्ट्रिकल सिस्टम करता है। इस कंडीशन को एट्रियोवेंट्रिकुलर (एवी) या कंडक्शन डिसऑर्डर कहा जाता है।
हार्ट ब्लॉकेज का किसे अधिक खतरा
अगर किसी व्यक्ति का वजन काफी ज्यादा है, तो उस व्यक्ति को हार्ट ब्लॉकेज का अधिक खतरा होता है। क्योंकि एक्स्ट्रा वेट होने के कारण धमनियों यानी ब्लड वेसल्स में फैट जमा हो जाता है। कई बार यह फैट इतनी अधिक मात्रा में जमा हो जाता है, जिससे हार्ट ब्लॉकेज की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसके कारण यह हार्ट अटैक का भी खतरा होता है।
एक वेबसाइट के अनुसार, हृदय की मांसपेशियों में सजून होने की वजह से भी हार्ट ब्लॉकेज का रिस्क बढ़ जाता है। सूजन की समस्या होने पर ब्लड फ्लो में दिक्कत होती है। हांलाकि यह भी हो सकता है कि लेफ्ट एट्रियम और बाएं वेंट्रिकल (माइट्रल वाल्व) के बीच का वाल्व सही से बंद न हो। जिसके कारण ब्लड उल्टी दिशा में लेफ्ट एट्रियम की तरफ वापस आने लगता है।
हार्ट ब्लॉकेज की एक वजह हार्ट फेलियर भी हो सकता है। कई बार हार्ट मसल्स बहुत ज्यादा मोटी हो जाने की वजह से हार्ट में ब्लड भरने लगता है। इस स्थिति में शरीर को पर्याप्त मात्रा में ब्लड मिल सकता है। लेकिन इस स्थिति में सुधार न होने पर यह हार्ट ब्लॉकेज की समस्या उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति की जान जोखिम में पड़ सकती है।
हार्ट डिजीज के रिस्क को ऐसे करें कम
हार्ट डिजीज की वजह से हार्ट ब्लॉकेज का रिस्क ज्यादा होता है। इसको कंट्रोल करने के लिए हार्ट डिजीज के खतरे को कंट्रोल में करने का प्रयास करना चाहिए। इसके खतरे को कम करने के लिए आप नीचे बताए गए टिप्स भी अपना सकते हैं।
हेल्दी डाइट लेनी चाहिए। हेल्दी डाइट में आप लो फैट, हाई फाइबर और ज्यादा से ज्यादा फल व सब्जियां शामिल करें।
हार्ट ब्लॉकेज के खतरे को कम करने के लिए फिजिकली एक्टिव रहना चाहिए और एक ही जगह पर घंटों बैठकर काम न करें। अगर आप डेस्क जॉब करते हैं, तो रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें।
वेट को कंट्रोल में रखना चाहिए। ओवर वेट और नशीले पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
इसके अलावा हार्ट ब्लॉकेज के खतरे को कम करने के लिए बीपी और डायबिटीज को कंट्रोल में करना चाहिए। क्योंकि इससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है।