Prashna Kundali: प्रश्न कुंडली से जानें कब होगी आपकी शादी, भविष्य के बारे में भी ले सकते हैं जानकारी

By अनन्या मिश्रा | Jun 10, 2023

हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का काफी अहम रोल होता है। ज्योतिष शास्त्र के जरिए व्यक्ति अपने कई प्रश्नों के जवाब जान सकता है। भविष्य आदि देखने में कुंडली की अहम भूमिका होती है। लेकिन जब किसी के पास कुंडली न हो तो प्रश्न कुंडली के द्वारा चीजों के बारे में पता लगाया जा सकता है। बता दें कि जब आप कोई सवाल करते हैं तो उस समय की कुंडली को ही प्रश्न कुंडली कहते हैं। 


प्रश्न कुंडली का ज्योतिष शास्त्र में भी बड़ा महत्व होता है। कई व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनको अपना जन्म समय, बर्थडेट और जन्म का स्थान आदि नहीं पता होता है। ऐसे में उस व्यक्ति के सवालों के जवाब देने के लिए प्रश्न कुंडली का सहारा लिया जाता है। तत्कालिक प्रश्न का उत्तर जानने के लिए प्रश्न कुंडली का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आपको प्रश्न कुंडली के जरिए जानना है कि आपका विवाह कब या कैसे होगा। तो इस तरह से प्रश्न कुंडली के जरिए जवाब दिया जाता है।

इसे भी पढ़ें: Budh Gochar 2023: 7 जून से इन 4 राशियों की होगी ऐश, बुध पैसों के साथ कॅरियर में देंगे तरक्की


कैसे जानें कब होगा विवाह

अगर यह प्रश्न कोई लड़का करता है तो प्रश्न कुंडली के जरिए यह देखा जाता है कि कौन सा ग्रह कहां पर स्थित है। ऐसे में अगर शनि सम भाव यानी कि दूसरे,चौथे, छठे, आठवें, दशवें और बारहवें भाव में विराजमान होता है तो लड़के के विवाह के योग जल्दी बनते हैं। 


वहीं अगर यह सवाल किसी लड़की द्वारा पूछा गया हो तो जब शनि विषम भाव में विराजमान होते हैं, तो कहा जाता है कि लड़की का जल्द ही विवाह होगा। 


प्रश्न कुंडली में यदि सप्तम भाव का स्वामी शुभ स्थान में बैठा है या किसी उच्च ग्रह के साथ विराजमान हो तो ऐसे लोगों को शादी के बाद समृद्धि मिलती है। 


यदि प्रश्न कुंडली के तीसरे, पांचवे, सातवें और ग्यारहवें भाव में चंद्रमा विराजमान होता है और उस पर गुरु ग्रह की दृष्टि पड़ती है। तो ऐसे जातक का शीघ्र विवाह होता है। 


बुध, गुरु, शुक्र और चन्द्रमा को शुभ ग्रह माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की प्रश्न कुंडली में यह ग्रह शुभ होकर भावों में बलवान स्थिति में होते हैं, तो ऐसे जातक का विवाह बिना किसी विघ्न, बाधा के पूरा होता है।


सूर्य, शनि, मंगल, राहु और केतु अशुभ ग्रह होते हैं। जब किसी जातक की प्रश्न कुंडली में इन ग्रहों का संबंध लग्नेश, पंचमेश या सप्तमेश से होता है। तो ऐसे व्यक्ति के विवाह में देरी होती है।


जब प्रश्न कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी और शुक्र दोनों में कई एक ग्रह तीसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव में विराजमान होता है। ऐसे व्यक्ति को विवाह के बाद धन आदि के साथ तरक्की मिलती है। 


यदि अष्टम भाव का स्वामी सप्तम भाव के स्वामी के साथ विराजमान हो या उस पर दृष्टि डाल रहा हो। तो ऐसे व्यक्ति को उसके मन का जीवनसाथी नहीं मिलता है। वहीं अगर ऐसे में प्रेम विवाह की स्थिति हो तो विवाह से सीधे मना कर देना चाहिए।

प्रमुख खबरें

भारत की समृद्ध संस्कृति का प्रदर्शन, वैश्वविक नेताओं को पीएम मोदी ने दिए ये उपहार

NDA या INDIA... महाराष्ट्र और झारखंड में किसकी सरकार, शनिवार को आएंगे नतीजे, UP पर भी नजर

OpenAI ला रही वेब ब्राउजर, गूगल को मिल रही कांटे की टक्कर

लोकायुक्त संशोधन विधेयक विधान परिषद में पेश, नारा लोकेश ने गठबंधन सरकार की प्रतिबद्धता पर दिया जोर