By अभिनय आकाश | Dec 20, 2021
आज हम आपको उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ विधानसभा सीट के बारे में बताएंगे। जहां पर इस वक्त बीजेपी का कब्जा है। अलीगढ़ उत्तरी भारत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और ताले की वजह से दुनियाभर में एक अलग पहचान रखने वाले अलीगढ़ का इतिहास भी काफी रोचक है। ये विधानसभा सीट अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है जो 18वीं शताब्दी से पहले कोल कहलाता था। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संजीव राजा ने समाजवादी पार्टी के जफर आलम को धूल चटाकर ये सीट अपने नाम की थी।
नाम बदलने को लेकर भी हुई सियासत
यूपी सरकार की तरफ से अलीगढ़ का नाम बदलने को लेकर सियासी हलकों में खूब चर्चा हुई थी। यहां तक की जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने का प्रस्ताव पास किया गया था। अलीगढ़ के क्षेत्रीय पृष्ठभूमि की बात करें तो इसके अंतर्गत 5 तहसीलें आती हैं। इनमें अतरौली, खैर, इगलास, कोल और गभाना हैं।
अलीगढ़ अब तक विधानसभा चुनाव परिणाम
अलीगढ़ में साल 1977 में जेएनपी के मोजिज अली बेग ने कांग्रेस पार्टी के ख्वाजा हलीम को 2,703 मतों से हराकर जीत दर्ज की। 1980 के विधानसभा चुनाव में जेएनपी (एससी) के ख्वाजा हलीम ने एक बार फिर से इस सीट को अपने नांम किया लेकिन इस बार उन्होंने भाजपा उम्मीदवार नेम सिंह चौहान को 3,733 मतों से हराया। 1985 कांग्रेस के बलदेव सिंह ने 3 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज कर अलीगढ़ सीट अपने नाम की। अलीगढ़ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने पहला चुनाव 1989 में जीता था। भाजपा ने लगातार तीन चुनाव 1989, 1991 और 1993 में जीत दर्ज की थी। इन चुनावों में भाजपा के कृष्ण कुमार नवमन लगातार तीन बार विधायक चुने गए थे। 1996 में समाजवादी पार्टी के अब्दुल खालिक और 2002 में कांग्रेस के विवेक बंसल की जीत हुई। 2007 और 2012 के चुनाव में ये सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई। जमीरुल्लाह और जफर आलम विधायक चुने गए। 2017 में अलीगढ़ में कुल 46.22 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से संजीव राजा ने समाजवादी पार्टी के जफर आलम को 15440 वोटों के मार्जिन से हराया था।
2017 विधानसभा के परिणाम
उम्मीदवार | पार्टी | वोट | वोट % |
संजीव राजा | भाजपा | 113,752 | 46.22% |
जफर आलम | सपा | 98,312 | 39.95% |
मोहम्मद अनीफ | बसपा | 25,704 | 10.44% |