आज के समय में हर व्यक्ति किसी ना किसी तरह के तनाव का सामना करता है। इस तनाव के कारण व्यक्ति को अक्सर सिरदर्द की समस्या रहती है। सामान्य सिरदर्द तो कुछ समय में ठीक हो जाता है, लेकिन अगर माइग्रेन सिरदर्द हो तो यह यकीनन काफी तकलीफ देह हो सकता है। इसके चलते व्यक्ति को लंबे समय तक भयंकर सिरदर्द का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, चाय−कॉफी से लेकर सिरदर्द की दवाई लेने से भी कोई फायदा नहीं होता। ऐसे में जरूरत होती है कि आप कुछ ऐसी रिलैक्सिंग तकनीक को अपनाएं जो आपके माइग्रेन सिरदर्द की समस्या को दूर करने में सहायक हो। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बता रहे हैं, जो माइग्रेन के दर्द से आराम दिलाने में मदद करते हैं−
सेतुबंधासन
योगा एक्सपर्ट कहते हैं कि यह आसन आपके मन−मस्तिष्क को शांत करने में मदद करता है, जिसके कारण आपका तनाव कम होता है और माइग्रेन सिरदर्द की समस्या से भी राहत मिलती है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले कमर के बल सीधा लेट जाएं। अब आप घुटनों को मोड़ें और एडि़यों को नितंबों के पास रखें। इसके बाद पैरों के मध्य श्रोणि भाग से दूरी बनाएं। हाथों से टखनों के जोड़ को पकड़ें। गहरी लम्बी सांस लें और सांस छोड़ते हुए नाभि को अंदर दबाएं। इस दौरान पंजों को मैट पर दबाएं। अब आराम से मेरूदंड को उपर उठाएं, जिसमें कंधे व सर मैट पर ही रहेंगे। इस स्थिति में 5 से दस श्वास तक रूकें। अब श्वास छोड़ते हुए वापिस आ जाएं।
बालासन
योगा एक्सपर्ट के अनुसार, इस आसन का अभ्यास करने से पूरे नर्वस सिस्टम को शांति मिलती है, जिसके कारण माइग्रेन का दर्द भी काफी कम होता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपनी एडि़यों पर बैठ जाएँ। अब कूल्हों पर एड़ी को रखें और आगे की ओर झुके। इस दौरान माथे को जमीन पर लगाये। इसके बाद आप हाथों को शरीर के दोनों ओर से आगे की ओर बढ़ाते हुए जमीन पर रखें, हथेली आकाश की ओर रखें। धीरे से छाती से जाँघो पर दबाव दें। इस स्थिति में कुछ देर के लिए रूकें। इसके बाद धीरे से उठकर एड़ी पर बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को धीरे धीरे सीधा करें। अब कुछ देर विश्राम करें। इसके बाद इस आसन का अभ्यास दोबारा करें।
अधोमुखश्वानासन
इस आसन का अभ्यास करते हुए आपका सिर नीचे की ओर जाता है, जिससे ब्रेन में ब्लड सकुलेशन बढ़ता है और फिर माइग्रेन का दर्द भी कम होता है। इस आसन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद सांस खींचते हुए अपने पैरों और हाथों के बल शरीर को उठाएं। अब आप सांस को बाहर निकालते हुए धीरे−धीरे हिप्स को ऊपर की तरफ उठाएं। इस दौरान अपनी कुहनियों और घुटनों को सख्त बनाए रखें। आपका शरीर इस अवस्था में इस समय उल्टे वी के समान दिखाई देगा। ध्यान रखें कि इस आसन के अभ्यास के दौरान आपके कंधे और हाथ एक सीध में हों। अब हाथों को नीचे जमीन की तरफ दबाएं और गर्दन को लंबा खींचने की कोशिश करें। आपके कान आपके हाथों के भीतरी हिस्से को छूते रहें और अपनी निगाह को नाभि पर केन्द्रित करने की कोशिश करें। इसी स्थिति में कुछ सेकेंड्स तक रुकें और उसके बाद घुटने जमीन पर टिका दें और फिर धीरे−धीरे प्रारंभिक अवस्था में लौट आएं।
मिताली जैन