शिवभक्त हैं तो भारत के इन मंदिरों के जरूर करें दर्शन

FacebookTwitterWhatsapp

By मिताली जैन | Oct 02, 2020

शिवभक्त हैं तो भारत के इन मंदिरों के जरूर करें दर्शन

भारत के हर राज्य में आपको कई मंदिर देखने को मिलेंगे। कश्मीर की उत्तरी घाटियों से लेकर तमिलनाडु के दक्षिणी तटों तक, आपको पूरे कस्बों और शहरों में कई मंदिर मिलेंगे। अगर यह कहा जाए कि यहां हर मोड़ पर एक मंदिर है, तो गलत नहीं होगा। भारत की आस्था व यहां के मंदिर दूर−दूर से श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच लाते हैं। वैसे तो हर मंदिर की अपनी एक अलग खासियत है, लेकिन भारत में ऐसे कई मंदिर हैं, जो पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित हैं। ऐसे में शिव भक्तों को इन मंदिरों के दर्शन जरूर करने चाहिए। तो चलिए आज हम आपको भारत में मौजूद कुछ शिव मंदिरों के बारे में बता रहे हैं−

इसे भी पढ़ें: प्राकृतिक छटाओं के बीच स्थिति है फूलों की घाटी करती है सैलानियों का आकर्षित

लिंगराज मंदिर

लिंगराज मंदिर ओडिशा में भुवनेश्वर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। कलिंग शैली की वास्तुकला का एक अद्भुत चमत्कार, लिंगराज का शानदार मंदिर भगवान हरिहर के समर्पण में बनाया गया है, जो भगवान शिव के एक अवतार के रूप में जाने जाते हैं। भले ही यह मंदिर शुरू में सोमवंशी वंश के शासकों द्वारा स्थापित किया गया था, लेकिन बाद में इसे पुनर्निर्मित किया गया और गंगा वंश के शासकों द्वारा थोड़ा संशोधित किया गया। 


दक्षेश्वर महादेव मंदिर

दक्षेश्वर महादेव मंदिर वर्ष 1810 में दनकौर की रानी द्वारा स्थापित किया गया था। यह बालद्वार से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का नाम देवी सती के पिता के नाम पर रखा गया है। वर्ष 1962 में इसका जीर्णोद्धार भी किया गया है। महाशिवरात्रि के अवसर पर इस आकर्षक मंदिर में एक महान उत्सव मनाया जाता है।

इसे भी पढ़ें: भारत के इन ऐतिहासिक स्थलों की बात है निराली, जानिए आप भी

अन्नामलाईयार मंदिर

अन्नामलाईयार मंदिर तिरुवनमलाई में स्थित है और तमिलनाडु में प्रसिद्ध शिव मंदिरों की सूची में सबसे ऊपर आता है। इस मंदिर की वास्तुकला हर किसी को बेहद आकर्षित करती है। यह तमिल क्षेत्र के कई शास्त्रों के लिए भी एक प्रेरणा है और अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि एक ही दिन में पांच अनुष्ठान होते हैं। इस मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय कार्तिगई दीपम त्योहार के समय का है।


भवनाथ महादेव मंदिर

गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित, यह मंदिर हिंदू धर्म के साथ−साथ जैन धर्म के लोगों के लिए मुख्य स्थानों में से एक है। इस मंदिर का एक मुख्य आकर्षण भवनाथ मेला है। यहां पर नागा साधुओं की उपस्थिति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आपको इस मेले के समय यहां रहना चाहिए।


मिताली जैन

प्रमुख खबरें

प्राथमिकी, छानबीन के बाद सीबीआई जांच के निर्देश को आरोपी चुनौती नहीं दे सकते: न्यायालय

पुणे के 500 से अधिक पर्यटक जम्मू-कश्मीर में फंसे

आतंकी हमले को लेकर भाजपा के विरोध प्रदर्शन को कवर करते समय कठुआ में पत्रकार पर हमला

National Panchayati Raj Day 2025: हर साल 24 अप्रैल को मनाया जाता है नेशनल पंचायती राज डे, जानिए इतिहास