By मिताली जैन | Feb 20, 2022
मेनोपॉज एक ऐसी नेचुरल स्टेज है, जिससे हर महिला 40-50 के बीच गुजरती है। इस अवस्था के बाद महिला को पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। लेकिन इस दौरान महिलाओं को कई समस्याओ जैसे हॉट फ्लैशेस, वजन बढ़ना, चिंता और तनाव, नींद की समस्या व अनियमित मासिक धर्म आदि का सामना करना पड़ता है। हालांकि, इस दौरान अधिकतर महिलाएं जोड़ों में दर्द का अनुभव भी करती है। दरअसल, मेनोपॉज के दौरान रक्त में महिला हार्मोन एस्ट्रोजन का स्तर कम होने लगता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे हड्डियों के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन अगर महिला चाहे तो कुछ घरेलू उपायों के जरिए इस समस्या को काफी हद तक मैनेज कर सकती है, जिसके बारे में हम आज इस लेख में आपको बता रहे हैं-
दालचीनी आएगी काम
आपको शायद पता ना हो लेकिन दालचीनी मेनोपॉज के दौरान होने वाले जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मददगार है। दरसअल, दालचीनी एक ऐसा मसाला है जिसमें एंटीफंगल, जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो इसे जोड़ों के दर्द से राहत के लिए एक आदर्श जड़ी बूटी बनाते हैं। आप दालचीनी की चाय को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।
करें हल्दी का सेवन
जोड़ो के दर्द से राहत पाने के लिए हल्दी का सेवन नियमित रूप से करें। दरअसल, इसमें करक्यूमिन नामक एक प्रमुख घटक होता है, जो एक पावरफुल एंटी-इफलेमेटरी की तरह काम करता है और शरीर में दर्द व सूजन आदि को कम करता है। आप इसे अपनी सब्जी में डाल सकती हैं या फिर रोजाना हल्दी वाला दूध पी सकती हैं।
अलसी के बीजों को अवश्य खाएं
अलसी के बीज जिसे फ्लेक्स सीड्स भी कहा जाता है, किसी सुपरफूड से कम नहीं है। यह जोड़ों के दर्द के अलावा अन्य मेनोपॉज के लक्षणों जैसे हार्मोन असंतुलन, हॉट फ्लैशेस, जोड़ों की सूजन आदि को भी मैनेज करने में मददगार है। इसलिए, ऐसे में हर महिला को अपने मेनोपॉज फेज में अलसी के बीजों का सेवन अवश्य करना चाहिए। यह उन्हें कई तरह के लाभ पहुंचाएगी।
लहसुन को बनाएं डेली डाइट का हिस्सा
लहसुन के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों या घुटने के दर्द को दूर करने की क्षमता रखते हैं। इतना ही नहीं, यह शरीर से टॉक्यिन को निकालने और रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने में भी मदद करता है, जिससे आपको दर्द काफी कम होता है। आप इसे अपनी डेली डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, लहसुन के तेल से जोड़ों की मालिश करना भी एक अच्छा विचार है।
जरूर खाएं सोयाबीन
मेनोपॉज के दौरान हर महिला के लिए सोयाबीन का सेवन बेहद ही लाभकारी माना गया है। दरअसल, सोयाबीन में आइसोफ्लेवोन्स होता है, यह ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो तनाव और सूजन को कम करता है। साथ ही साथ इससे जोड़ों के दर्द में भी काफी आराम मिलता है।
मिताली जैन