जब भी हैदराबाद की बात होती है तो सबसे पहले वहां के लजीजदार भोजन का नाम लिया जाता है। लेकिन इसके अलावा भी हैदराबाद ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद समृद्ध है। हैदराबाद कुतुब शाहियों द्वारा शासित एक शहर है, इसलिए यहां पर मुगलों और निज़ामों के शानदार विरासत स्थल, स्मारक, मंदिर और मस्जिद मौजूद हैं। लेकिन इन विरासत स्थलों के अलावा यहां पर मौजूद एक चीज जो पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है और वह है यहां के म्यूजियम। हैदराबाद के संग्रहालय कला और प्राचीन वस्तुओं का एक बड़ा संग्रह प्रदर्शित करते हैं। तो चलिए आज हम आपको हैदराबाद में स्थित कुछ संग्रहालयों के बारे में बता रहे हैं−
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सालार जंग संग्रहालय
सालार जंग संग्रहालय हैदराबाद शहर में मूसा नदी के दक्षिणी तट पर दार−उल−शिफा में स्थित एक कला संग्रहालय है। यह भारत के तीन राष्ट्रीय संग्रहालयों में से एक है। यह चारमीनार, मक्का मस्जिद आदि महत्वपूर्ण स्मारकों के करीब है। यहां पर आपको पहली शताब्दी से संबंधित वस्तुओं का संग्रह देखने को मिलेगा। यहां की सबसे खूबसूरत व महत्वपूर्ण चीज है कुरान, जो पूरी तरह सोने और चांदी से बनी है। यहां पर 43000 विभिन्न एतिहासिक चीजों का अद्भुत संग्रह हैं और करीबन 47000 प्रिंटेड किताबें हैं। यहां पर मौजूद अधिकतर एंटीक सम्राट जहांगीर, नूरजहां और शाहजहां से संबंधित हैं।
निज़ाम संग्रहालय
निज़ाम संग्रहालय हैदराबाद के पुरानी हवेली मोहल्ले में स्थित एक संग्रहालय है। यह वास्तव में पूर्व निज़ाम का महल था। इसे सातवें निजाम, आसफ जाह सातवीं की इच्छा पर बनाया गया था। यह उनकी समृद्ध जीवनशैली की झलक भी दिखाता है। इस जगह को वर्ष 2000 में जनता के लिए खोल दिया गया था। यह संग्रहालय दुनियाभर के संस्मरणों, उपहारों का समृद्ध संग्रह दिखाती है। इस संग्रहालय में अंतिम निज़ाम के रजत जयंती समारोह में इस्तेमाल किये गए सोने का सिंहासन, हीरे के साथ एक सोने का टिफिन बॉक्स, जयंती हॉल का लघु प्रतिकृति, मीर उस्मान अली खान एटीसी के ग्लास इनले पेंटिंग के लिए इस्तेमाल किए गए सोने के सिंहासन आदि हैं।
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सुधा कार म्यूजियम
अगर आपको कारों के प्रति लगाव है तो आपको यहां एक बार जरूर जाना चाहिए। हैदराबाद के जू पार्क के करीब स्थित इस म्यूजियम में जाकर आपको एक अलग ही अनुभव होगा। यह म्यूजियम वास्तव में के सुधाकर के दिमाग की उपज है, जो दुनिया में सबसे बड़ा ट्राइसाइकिल डिजाइन करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रखते हैं। यहां पर आपको बिस्तर, हेलमेट, हैंडबैग, लिपस्टिक और स्टिलटोस के आकर में कार व आटोमोबाइल्स देखने को मिलेंगे। इन मास्टरपीस को बनाने के लिए पुराने व बेकार टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया है, और यही बात ट्रेवलर्स को अधिक आकर्षित करती है। इस म्यूजियम की एक दिलचस्प बात यह है कि यहां प्रदर्शन किए जाने वाले सभी वाहन वर्किंग कंडीशन में हैं। अर्थात् उन्हें सिर्फ शो पीस के लिए नहीं बनाया गया, उन्हें आसानी से चलाया भी जा सकता है। हाल ही में कार म्यूजियम के मालिक के सुधाकर ने एक ओर अजीब कार बनाई है, जो बिल्कुल कोरोना वायरस की तरह दिखाई देती है। इस कार में केवल एक व्यक्ति ही बैठ सकता है। इस कार के एक बार चार्ज होने के बाद यह 40 किलोमीटर तक चल सकती है।
मिताली जैन