हार्ट अटैक का नाम सुनते ही दिल घबरा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसे अगर समय रहते ना संभाला जाए तो इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। जब हृदय तक ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंचता तो व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है। अधिकतर मरीजों की मौत का एक मुख्य कारण यह भी होता है क्योंकि व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचने से पहले प्राथमिक उपचार नहीं दिया जाता। जिसके कारण स्थिति को संभालना काफी मुश्किल हो जाता है। हार्ट अटैक होने पर व्यक्ति को सीने में इतना तेज दर्द होता है कि उसका शारीरिक और मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है और उसे देखकर अन्य लोग भी घबरा जाते हैं। लेकिन अगर व्यक्ति को यह प्राथमिक उपचार दिया जाए तो स्थिति को संभाला जा सकता है। तो चलिए जानते है इसके बारे में−
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अगर होश में है तो
हार्ट अटैक आने पर व्यक्ति अधिकतर बेहोश हो जाता है। लेकिन अगर व्यक्ति होश में है तो आप उसे तुरंत 300 एमजी एस्प्रिन की गोली दें। एस्प्रिन खून को पतला करने का काम करती है। इसलिए अगर धमनियों में रक्त का थक्का बन जाने के कारण अगर व्यक्ति को हार्ट अटैक आया होगा तो इससे उसे यकीनन राहत मिलेगी। वैसे गोली देने के तुरंत बाद व्यक्ति को अस्पताल ले जाएं।
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अगर हो जाए बेहोश
चूंकि हार्ट अटैक आने पर व्यक्ति का शारीरिक व मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसे में अगर व्यक्ति बेहोश हो गया है तो इस स्थिति में सीपीआर देना ही सर्वाधिक उचित माना जाता है। अस्पताल पहुंचने से पहले सीपीआर देने से व्यक्ति के जीवन रहने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। सीपीआर देने के लिए सबसे पहले जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक आया है, उसे समतल जगह पर लिटाएं। अब अपनी एक हथेली को उसके छाती के बीच में रखें और दूसरी हथेली को पहली हथेली के ऊपर रखें। अब व्यक्ति के सीने को अपने शरीर का भार देकर जल्दी−जल्दी दबाएं। ध्यान रखें कि आपको यह प्रक्रिया काफी तेजी से करनी है। सीने को दबाते समय कोशिश करें कि आप एक मिनट में कम से कम 100 बार व्यक्ति का सीना दबाएं। साथ ही सीने को दबाते हुए हर 25−30 बार के बाद मरीज को मुंह से ऑक्सीजन दें। मुंह से ऑक्सीजन देते समय व्यक्ति की नाक बंद कर लें। सीपीआर की इस प्रक्रिया को कोई भी व्यक्ति हार्ट अटैक पीडि़त मरीज को दे सकता है। अगर आपको सीपीआर की बहुत अधिक जानकारी नहीं है तो एंबुलेंस आने तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें।
मिताली जैन