क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 में हिस्सा लेने वाली सभी टीम काफी मजबूत दिखाई दे रही है। क्रिकेट के इस महाकुंभ को जीतने के लिए सभी दस देश अपना सबकुछ झोंकने के लिए तैयार है। विश्व कप के आगाज से पहले सभी टीमों को तैयारियों का मौका दिया जा रहा है। इन अभ्यास मैच ने खिलाड़ियों को हालात के अनुसार ढालने में मदद की है। वर्ल्ड कप से पहले अभ्यास मैच में टीम इंडिया के पास भी अपनी तैयारियां पुख्ता करने का मौका था। पहले प्रैक्टिस मैच में भारत को जहां न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा और टीम महज 179 रन के स्कोर पर ही बिखर गई। लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने जिस तरह से शानदार प्रदर्शन किया उसने विराट कोहली और रवि शास्त्री के चेहरे पर जरूर मुस्कान बिखेर दी होगी। वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले हर किसी के जहन में एक ही सवाल था कि नंबर 4 पर बल्लेबाजी कौन करेगा और टीम इंडिया का टॉप आर्डर फ्लॉप हुआ तो क्या इस टीम के मिडिल आर्डर में वो दम है जो मुश्किल परिस्थितियों से मैच निकालकर भारत की झोली में डाल सकता है। इस सवाल का जवाब शायद टीम इंडिया को मिल गया है। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में जिस तरह से टीम इंडिया की ओपनिंग जोड़ी फ्लॉप हुई। उसके बाद विराट कोहली भी बड़ी पारी खेल नहीं पाएं तो लगा कि आज फिर एक बार भारत सस्ते में निपट जाएगा। लेकिन शायद टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी राहत आने वाली थी। जिस जवाब के लिए टीम इंडिया लंबे समय से परेशान थी वो कार्डिफ के मैदान में भारत को मिल गया।
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दरअसल बांग्लादेश के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में टीम इंडिया को पहले बल्लेबाजी करने का मौका मिला। टीम के ओपनर शिखर धवन 1 और रोहित शर्मा 19 रन बनाकर आउट हो गए। विराट कोहली और विजय शंकर भी ज्यादा कुछ नहीं कर सकें और अब फिर क्रीज पर केएल राहुल और एमएस धोनी की जोड़ी थी जिसने मैच को बनना शुरू कर दिया और दोनों बल्लेबाजों ने जमकर शॉट लगाएं। केएल राहुल ने मैच में जहां 99 गेंदों में 12 चौके और 4 छक्के की मदद से 108 रन बनाएं वहीं धोनी ने 78 गेंद में 8 चौके और 7 छक्के की मदद से 113 रन बनाएं। धोनी और राहुल की जोड़ी ने मिलकर पांचवे विकेट के लिए 164 रन की साझेदारी की। जाहिर है धोनी और राहुल का इस तरह रन बनाना टीम इंडिया की टेंशन खत्म कर देता है। वैसे भी भारतीय टीम का टॉप आर्डर ही लंबे वक्त से भारत की जीत में योगदान दे रहा था। लेकिन जिस तरह से राहुल और धोनी ने फार्म में वापसी की उससे भारतीय टीम को जरूर फायदा होगा। इंग्लैंड के माहौल में गेंद हर समय स्विंग करती रहती है। उस वक्त टीम के सलामी बल्लेबाजों को विकेट पर टिककर बल्लेबाजी करने की जरूरत है। हालांकि इन दो प्रैक्टिस मैच में टीम इंडिया के ओपनिंग बल्लेबाज भी ज्यादा कुछ नहीं कर सकें। जिसके बाद मिडिल आर्डर पर अपने आपको साबित करने का दबाव था। केएल राहुल के लिए नंबर 4 पर अपनी जगह पक्की करने के लिए सबसे अच्छी जिम्मेदारी थी। जिसे उन्होंने दोनों हाथों से पकड़ा और शानदार शतकीय साझेदारी कर नंबर 5 पर जगह पक्की कर ली।
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वहीं दुनियां के सबसे बेहतरीन फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी ने भी शतक जड़कर दिखा दिया कि 2019 का जादूई फार्म लगातार जारी है और इस बार वो किसी भी टीम को बख्शने के मूड में नहीं है। वैसे तो बांग्लादेश भारत के सामने काफी कमजोर टीम दिखाई पड़ती है और टीम इंडिया के वर्ल्ड कप में शुरुआती मुकाबले ही दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे टीमों से है। लेकिन एक बल्लेबाज के तौर पर रन बनाना आत्मविश्वास बढ़ाने के रूप में काफी योगदान रखता है। उम्मीद है टीम इंडिया के बल्लेबाज इस तरह से वर्ल्ड कप में भी रन बनाएंगे। हालांकि भारतीय टीम के सलामी जोड़ी के बल्ले पर भी ब्रेक लगा हुआ है। टीम मैनेजमेंट इस बारे में जरूर कुछ सोचेगा। वैसे शिखर धवन और रोहित शर्मा काफी बड़े खिलाड़ी है और बड़े मैचों में उन्हें रन बनाना आता है। पूरा विश्व जानता है कि अगर इन दोनों खिलाड़ियों का बल्ला गरजा तो अकेले दम पर मैच टीम इंडिया को जिता सकते है। उम्मीद है वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया की तैयारियां पूरी हो चुकी है और भारत तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए तैयार है।
- दीपक मिश्रा