By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 21, 2021
लखनऊ। तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी समेत विभिन्न मांगों को लेकर एक वर्ष से अधिक समय से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखनऊ में सोमवार को किसान महापंचायत बुलाई है, जिसमें एसकेएम आगे की रणनीति पर विचार करेगा। इसके बाद 26 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की बैठक होगी। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्र की घोषणा के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाती है तथा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी को बर्खास्त नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
इस बीच लखनऊ में आयोजित किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए प्रदेश के जिलों से किसानों का दल रवाना होने लगा है। लखनऊ के बंगला बाजार (पुरानी जेल रोड) स्थित इको गार्डन में होने वाली महापंचायत में आने वाले किसानों के खाने-पीने के लिए आयोजकों ने इंतजाम किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के एक नेता ने बताया कि महापंचायत स्थल पर तीन बड़े लंगर लगाये गये हैं और जरूरत के हिसाब से एक और बड़ा लंगर लगाया जाएगा। किसानों को पीने के पानी के लिए टैंकर और पानी की बोतलों का इंतजाम किया गया है। उधर, पुलिस ने भी इस आयोजन की सुरक्षा को लेकर व्यापक तैयारी की है। लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने रविवार को पीटीआई- को बताया कि सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त किये गये हैं और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि यातायात प्रबंधन के लिए भी व्यापक तैयारी की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत के लिए किसानों से यहां आने की अपील की है। उन्होंने चलो लखनऊ-चलो लखनऊ नारे के साथ रविवार को ट्वीट किया, ‘‘सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों की बात की जा रही है, वे नकली एवं बनावटी हैं। इन सुधारों से किसानों की बदहाली रुकने वाली नहीं है। कृषि एवं किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाना सबसे बड़ा सुधार होगा। इस संदर्भ में भाकियू की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने रविवार को पीटीआई- से कहा, प्रधानमंत्री ने तीन कानूनों को वापस लेने की घोषणा जरूर कर दी है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कब कानून बनाएंगे।
वर्मा ने कहा कि जब तक एमएसपी को कानून बनाने और अजय कुमार को बर्खास्त करने के लिए कदम नहीं उठाया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि किसान महापंचायत में और भी कई बिंदुओं पर चर्चा होगी, जैसे कि भाजपा ने कहा था कि सरकार बनने के बाद किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान 14 दिन के भीतर किया जाएगा, लेकिन यह व्यवस्था आज तक लागू नहीं हो सकी और साढ़े चार वर्ष में गन्ना मूल्य में मात्र 25 रुपये की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि एसकेएम महापंचायत में आगे के कार्यक्रमों के बारे में फैसला लेगा। इस बीच प्रदेश के जिलों से किसानों का दल लखनऊ के लिए रवाना होने लगा है। मुजफ्फरनगर से मिली खबर के अनुसार भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में समर्थकों का दल भाकियू के जिला अध्यक्ष योगेश शर्मा के नेतृत्व में लखनऊ पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से नौचंदी एक्सप्रेस से किसान रवाना होंगे। इस बीच भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि तीन कृषि कानून निरस्त करने की घोषणा के बावजूद आंदोलन जारी है।
उन्होंने कहा कि लखनऊ महापंचायत के बाद 26 नवंबर को गाजीपुर बार्डर पर किसानों की बैठक होगी। बागपत से मिली खबर के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लखनऊ में सोमवार को होने वाली एमएसपी अधिकार किसान महापंचायत में बागपत जिले से हजारों की संख्या में किसान भाग लेंगे। बागपत के भाकियू जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर ने रविवार को बताया कि सैकड़ों की संख्या में किसान अपने-अपने वाहनों से पहले ही लखनऊ के लिए कूच कर चुके हैं।आज शाम को ट्रेनों से भी किसान लखनऊ के लिए रवाना होंगे। गुर्जर के अनुसार भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत महापंचायत में भाग लेने के लिए लखनऊ रवाना हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि तीनों कृषि कानून वापस होना देश के किसानों की बड़ी जीत है।
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी बागपत के किसानों पर मुकदमे हुए लेकिन वह पीछे नहीं हटे। लखीमपुर खीरी से मिली खबर के अनुसार उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रभारी अमनदीप सिंह संधू ने कहा, “किसान महापंचायत में भागीदारी के लिए हमारी तैयारी पूरी है।” संधू ने कहा, हमें उम्मीद है कि महापंचायत में निघासन, तिकुनिया, पलिया, गोला और जिले के अन्य हिस्सों सहित खीरी के 10 से 15 हजार किसान शामिल होंगे। खीरी के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह ने कहा कि खीरी से बड़ी संख्या में किसानों की भागीदारी अपेक्षित है। तिकुनिया हिंसा में मारे गए दो किसानों के गांवों के किसानों की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर, दिलबाग सिंह ने कहा कि उन्होंने उनसे बात नहीं की है, हालांकि, उन्होंने कहा कि लखनऊ महापंचायत में सभी क्षेत्रों के किसान भाग लेंगे।
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। किसानों का आरोप है कि अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इस दौरान गोलियां चलाई गईं। इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत दर्जनभर से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।