By अभिनय आकाश | Apr 09, 2022
राजस्थान के करौली में आगजनी और हिंसा को लेकर राजनीति तेज हो गई। सत्तारूढ कांग्रेस का कहना है कि ध्रुवीकरण की राजनीति के लिये इस तरह की साजिश रची गई थी जबकि भाजपा ने इस पूरी घटना को सुनियोजित साजिश बताया है। इन सब के बीच करौली में कर्फ्यू की मियाद को 10 अप्रैल तक बढा दी गई है। लेकिन अब इसको लेकर भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मोर्चा खोल दिया है। करौली जिला कलेक्ट्रेट परिसर में मीणा सांकेतिक धरने पर बैठ गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पूरे मामले में पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब तक निष्पक्ष कार्रवाई पूरी नहीं होती है तब तक मैं सांकेतिक धरना दूंगा।
बीजेपी सांसद मीणा ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा मनोनित पार्षद अमीमुद्दीन और पार्षद मतलूब के नेतृत्व में सुनियोजित ढंग से पत्थरबाजी हुई थी। दोनों ही पार्षदों को स्थानीय विधायक सरकार के इशारे पर बचा रहे हैं। मीणा ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि घटना के तुरंत बाद पुलिस की तरफ से दर्जन भर उपद्रवियों को पकड़ा भी गया था लेकिन स्थानीय विधायक समुदाय विशेष के कई उपद्रवियों को छुड़ाकर ले आए।
इसके साथ ही मीणा ने पलायन करने वाले 195 लोगों की लिस्ट भी जारी की और कहा कि संभागीय आयुक्त अभी तक पलायन की घटना से इनकार कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मरूधरा में कानून व व्यवस्था की जगह ‘‘तालिबानी शासन’’ ने ले ली है, जहां हिन्दू समुदाय पर्व और त्योहार मनाने में भी हिचकता है।