By अभिनय आकाश | Aug 05, 2022
नॉर्थ कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन से तो पूरी दुनिया वाकिफ है। आए दिन मिसाइलों की टेस्टिंग कर दुनिया को डकाने वाले तानाशाह का पूरा ध्यान अपने देश को केवल और केवल खतरनाक हथियारों से लैस करना है। वहीं उसके पड़ोसी देश और प्रतिद्वंदी देश साउथ कोरिया ने चांद पर कदम रखने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। साउथ कोरिया ने अपना पहला घरेलू रूप से विकसित चंद्र ऑर्बिटर लॉन्च किया है। दक्षिण कोरिया चंद्रमा के लिए एक मिशन शुरू करने वाला दुनिया का सातवां देश बन गया स्पेसएक्स द्वारा लॉन्च किए गए उपग्रह ईंधन को बचाने के लिए एक लंबा गोल चक्कर लगा रहा है। पहले इसका प्रक्षेपण 27 जुलाई को निर्धारित किया गया था।
ये दक्षिण कोरिया द्वारा पहला चंद्र मिशन है, जिसने हाल ही में एक अंतरिक्ष रॉकेट लॉन्च क्षमता विकसित की है। चंद्र मिशन को नासा और कोरिया एयरोस्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (KARI) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। दानुरी में एक बॉक्सी, सौर-संचालित उपग्रह है जिसे चंद्र सतह से सिर्फ 62 मील (100 किलोमीटर) ऊपर स्किम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसके दौरान यह इस निम्न ध्रुवीय कक्षा से कम से कम एक वर्ष के लिए भूगर्भिक और अन्य डेटा एकत्र करेगा। ये ऑर्बिटरकोरिया पाथफाइंडर लूनर या दानुरी के नाम से जाना जाता है। कोरियाई भाषा में इसका अर्थ चंद्रमा का आनंद लेना है।
अंतरिक्ष यान ईंधन के संरक्षण के लिए चंद्रमा के लिए एक लंबा, गोल चक्कर लगा रहा है और दिसंबर के मध्य में अपने गंतव्य पर पहुंच जाएगा। सफल होने पर अंतरिक्ष यान भारत के चंद्रयान -2 और नासा के लूनर टोही ऑर्बिटर (LRO) में पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह के चारों ओर शामिल हो जाएगा। ऑर्बिटर को पानी के बर्फ, यूरेनियम, हीलियम-3, सिलिकॉन और एल्यूमीनियम जैसे चंद्रमा पर मौजूद संसाधनों का सर्वेक्षण करने का भी काम सौंपा जाएगा। ये भविष्य में चंद्रमा पर लैंडिंग करने की जगहों का चयन करने में मदद के लिए एक स्थलाकृतिक मानचित्र तैयार करेगा।