उच्चतम न्यायालय ने आज केरल सरकार को पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) टीपी सेनकुमार की बहाली का निर्देश देते हुए कहा कि उनका तबादला ‘‘मनमाने ढंग’’ से किया गया था। शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण (सीएटी) के फैसले को बरकरार रखा गया था। सीएटी को सेनकुमार के राज्य पुलिस प्रमुख के पद से तबादले के राज्य सरकार के फैसले में कोई खामी नजर नहीं आई थी।
न्यायमूर्ति एम लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘हम डीजीपी टीपी सेनकुमार की बहाली का निर्देश देते हैं।’’ केरल सरकार ने 11 अप्रैल को शीर्ष अदालत में सेनकुमार के तबादले के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने वर्ष 2016 में पुतिंगल मंदिर में लगी आग की घटना के जिम्मेदार पुलिस अधिकरियों को बचाया। इस हादसे में 110 लोग मारे गए थे। राज्य सरकार ने अदालत से कहा कि सेनकुमार का तबादला उन खामियों की सजा के तौर पर नहीं किया गया जिसके चलते 10 अप्रैल 2016 को वह घटना हुई बल्कि हादसे के बाद उन्होंने इसे जिस तरह संभाला उसके कारण किया गया। पिछले वर्ष 10 अप्रैल को जब सेनकुमार केरल के डीजीपी थे तब कोल्लम जिले में एक बड़ा हादसा हुआ था। यहां के पुतिंगल मंदिर में पटाखों के प्रदर्शन के दौरान भीषण विस्फोट हुआ था और आग लग गई थी जिसमें 110 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 300 अन्य घायल हो गए थे।