Kerala CPM नेता ने हिजाब दिया बयान तो हुआ हंगामा, पार्टी ने झाड़ा पल्ला

By रितिका कमठान | Oct 04, 2023

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक नेता ने मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले हिजाब को लेकर बेतुका बयान दिया है। कथित तौर पर दिए गए इस विवादित बयान के बाद हंगामा हो गया है। इस मामले में सत्तारुढ़ पार्टी फंस गई है। केरल में सत्ता में बैठी पार्टी मुश्किल में है।

 

नेता के बयान के बाद मामला गर्मा गया है। दरअसल पार्टी के नेता ने बयान दिया था कि हर व्यक्ति अपनी इच्छा के मुताबिक कपड़े पहनने के लिए स्वतंत्र है। इस बयान को दिए जाने के बाद पार्टी ने उनके बायन से किनारा कर लिया है। पार्टी ने कहा कि ये उनके निजी विचार हैं जिनसे पार्टी कोई ताल्लुक नहीं रखती है। पार्टी का अपना अलग मत है। माकपा ने पार्टी की राज्य कमेटी के सदस्य के. अनिल कुमार की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि अपनी पसंद के अनुसार कपड़े पहनना किसी भी व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और पार्टी को इस पर कोई राय व्यक्त करने की जरूरत नहीं है। 

 

वहीं नेता के इस विवादित बयान के बाद कई धार्मिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने सत्तारुढ़ पार्टी को निशाने पर ले लिया। कांग्रेस ने इस बयान को बेतुका और अनुचित करार दिया है। बता दें कि इस बयान पर विवाद होने के बाद विवादित बयान देने वाले नेता कुमार ने फेसबुक पोस्ट भी किया है। इसमें उन्होंने लिखा कि वह इस मामले पर पार्टी के रूख का समर्थन करेंगे। बता दें कि कुमार ने नास्तिक संगठन ‘ एससेंस ग्लोबल’ की ओर से आयोजित एक हालिया कार्यक्रम में विवादित बयान दिया था। 

 

इस बयान के दौरान उन्होंने कहा था कि मार्क्सवादी पार्टी के प्रभाव के कारण मुस्लिम बहुल मलप्पुरम जिले में महिलाओं ने हिजाब ‘थमत्तम’ छोड़ दिया है। उनकी टिप्पणी से नाराज़ प्रभावशाली सुन्नी उलेमा संगठन ‘समस्त’ ने कहा कि इसके जरिए माकपा के ‘दोहरे मापदंड’ उजागर हो गए हैं। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के नेता के एम शाजी और केपीए मजीद ने भी माकपा नेता कुमार की निंदा की है। शाजी ने फेसबुक पर आरोप लगाया कि माकपा ने दो दल तैयार किए हैं एक तर्कवादियों के बीच जाकर आस्थावानों के खिलाफ बोलने के लिए और दूसरा आस्थावानों की बैठकों में हिस्सा लेने और उनकी प्रशंसा करने के लिए। उन्होंने समुदाय से सवाल किया कि क्या वे अब भी यकीन करना चाहते हैं कि साम्यवाद सही है।

 

आईयूएमएल के वरिष्ठ विधायक मजीद ने कहा कि कुमार की टिप्पणी ने वाम दल के नेतृत्व की असली मंशा को उजागर कर दिया है। आईएयूएमएल नेता ने स्वतंत्र विचार को हिजाब से जोड़ने के औचत्य पर सवाल किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस नास्तिक कार्यक्रम में विवादित टिप्पणी की गई है उसे ‘संघ परिवार- प्रायोजित’ व्यक्ति ने आयोजित किया था। आईयूएमएल के राज्य महासचिव पी.एम.ए सलाम ने मार्क्सवादी पार्टी पर धार्मिक मान्यताओं की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि मलप्पुरम में किसने ‘हिजाब’ छोड़ा है? वहीं, कांग्रेस ने माकपा को निशाना बनाने के लिए मुद्दे का इस्तेमाल किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी सतीशन ने कुमार की टिप्पणी की निंदा की।

 

उन्होंने कहा कि कौन क्या पहनेगा और क्या खाएगा यह व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा है और किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह इस बारे में सलाह दे। उन्होंने कहा कि वामपंथी नेता का यह बयान कि हिजाब का त्याग माकपा की उपलब्धि है,आस्था और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर खुला हमला है। सतीशन ने कहा, “ हिजाब को प्रतिबंधित करने वाली भाजपा सरकार और माकपा में क्या फर्क है जो समझती है हिजाब छोड़ना पार्टी की उपलब्धि है।”

 

चारों तरफ से आलोचना होने के बीच माकपा के राज्य सचिव एमवी गोविंदम ने कहा कि कुमार ने जो कहा है, वह न पार्टी की राय है और न ही रूख। गोविंदम ने कहा, “ जब हिजाब को लेकर विवाद हुआ था तब पार्टी ने इस पर अपना रुख साफ कर दिया था। किसी भी व्यक्ति को ऐसे मामलों में बोलने या हस्तक्षेप या उनकी आलोचना करने की जरूरत नहीं है।” वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रमुख के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि माकपा संगठित धार्मिक ताकतों की गुलाम बन गई है और पार्टी दोहरे मापदंड अपनाती है।

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