By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 23, 2023
कोच्चि। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के. सुधाकरन शुक्रवार को धोखाधड़ी के एक मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस की अपराध शाखा के सामने पेश हुए। इस मामले में मुख्य आरोपी प्राचीन वस्तुओं का विवादास्पद कारोबारी मोनसन मावुंकल है। यहां अपराध शाखा कार्यालय के लिए रवाना होने से पहले सुधाकरन ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी अंतरात्मा साफ है और उन्होंने कुछ गलत या गैरकानूनी नहीं किया है, इसलिए उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘उनके पास जो सबूत हैं, सामने रखें। मैं जवाब दूंगा।’’
सुधाकरन ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि मैंने क्या किया और क्या नहीं किया। मेरी अंतरात्मा मुझसे कहती है कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है। मैंने किसी का गलत इस्तेमाल नहीं किया। मैंने किसी से रिश्वत नहीं ली। मेरे जीवन और राजनीति में मैं ऐसा नेता हूं जिसने कभी रिश्वत नहीं ली। यह राजनीतिक नैतिकता है। इसलिए, मुझे किसी से डरने की जरूरत नहीं है।’’ गिरफ्तारी की आशंका के सवाल पर केरल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इस तरह का कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं तो कर लें। मैं उनसे डरता नहीं हूं। मेरे पास जमानत है।’’
इस बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि पॉक्सो के एक मामले में सुधाकरन के खिलाफ उनके बयान एक खबर पर आधारित थे और इसके विपरीत कोई नया सबूत आने तक वह अपने इस रुख पर कायम हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसकी जांच हो जाए, यही मैंने कहा था।’’ गोविंदन ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘देशाभिमानी’ में छपी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए 18 जून को दावा किया था कि बलात्कार मामले में नाबालिग पीड़िता ने अपराध शाखा को बताया था कि सुधाकरन उन स्थानों में से एक पर मौजूद थे जहां मावुंकल ने उसके साथ बलात्कार किया था, और इसलिए विशेष शाखा केपीसीसी नेता से पूछताछ कर सकती है।
हालांकि, उसी दिन कुछ घंटे बाद माकपा को झटका लगा जब केरल पुलिस की अपराध शाखा ने कहा कि पीड़िता ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था। मावुंकल को अपनी घरेलू सहायिका की नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के मामले में 17 जून को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी। केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को सुधाकरन से 23 जून को अपराध शाखा के सामने उपस्थित होने को कहा था। अदालत ने कहा था कि यदि उन्हें गिरफ्तार किया जाता है तो जमानत पर छोड़ा जाए।