By Anoop Prajapati | Dec 03, 2024
साल 2013 में सौरभ भारद्वाज पहली बार अन्ना आंदोलन के बाद बनी आम आदमी पार्टी के टिकट पर ग्रेटर कैलाश जैसी वीआईपी सीट से चुनाव मैदान में उतरे। पहली ही बार में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव के मैदान में उतरे और दिल्ली के प्रमुख नेताओं में शामिल विजय कुमार मल्होत्रा के बेटे को शिकस्त दी थी। जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की 49 दिन की सरकार बनी थी तो उस समय वे कैबिनेट मंत्री भी बनाए गए थे।
आप विधायक सौरभ भारद्वाज दिल्ली के रहने वाले हैं। उनका जन्म 12 दिसंबर 1979 को हुआ है। उनकी पढ़ाई लिखाई सब दिल्ली में हुई। उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। राजनीति में आने से पहवे उन्होंने बतौर सॉफ्टवेयर कंसल्टेंट काम किया। दिल्ली में हुए जन लोकपाल को लेकर हुए आंदोलन के दौरान उनकी मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई। यहीं से इनका साख शुरू हुआ जो आज तक कायम है। केजरीवाल के साथ उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की।
साल 2013 में लड़ा पहला था चुनाव
सौरभ भारद्वाज साल 2013 में पहली बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर ग्रेटर कैलाश जैसी वीआईपी सीट से चुनाव मैदान में उतरे। पहली ही बार में उन्होंने बीजेपी नेता विजय कुमार मल्होत्रा के बेटे को शिकस्त दी। जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की 49 दिन की सरकार बनी थी तो उस समय वो कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे। उनके पास परिवहन, खाद्य और आपूर्ति, पर्यावरण और जीएडी जैसे बड़े विभाग थे। ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सौरभ भारद्वाज यहां से वो तीन बार लगातार विधायक चुने गए। 2015 फिर 2020 में यहां की जनता ने एक बार फिर से चुनाव। हर बार उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की।
आप नेता तब चर्चा में आए, जब उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम जैसी दिखने वाली मशीन को हैक करने का दावा किया। आप ने हाल के चुनावों के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ के अपने दावों को पुख्ता करने के लिए भारद्वाज द्वारा की गई हैकिंग का इस्तेमाल किया। चुनाव आयोग ने बाद में दावा किया कि वह ऐसी किसी भी मशीन की जिम्मेदारी नहीं ले सकता जो उसके अपने सुरक्षा सिस्टम के तहत नहीं है और भारद्वाज द्वारा की गई हैकिंग की कोशिश को खारिज कर दिया।
आप के सबसे प्रखर प्रवक्ता
भारद्वाज आम आदमी पार्टी के बेहतरीन प्रवक्ता माने जाते हैं। बीजेपी, कांग्रेस पर वो कई मुद्दों पर हमलावर रहे। उन्होंने इन पार्टियों के आरोपों का बड़ी साफगोई से तर्कों के साथ जवाब दिया। मुखर प्रवक्ता होने के साथ वो पार्टी और सरकार के बीच अच्छा समन्वय रखते है। विधानसभा की कई समितियों में वो शामिल रहे। हर मुद्दे पर उन्होंने बुलंद आवाज के साथ पार्टी का पक्ष रखा।
केजरीवाल के हैं विश्वास पात्र
विधायक सौरभ भारद्वाज को सीएम केजरीवाल का विश्वास पात्र माना जाता है। उनके पास कैबिनेट में काम करने का अनुभव भी है। दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद पार्टी ने उन्हें दिल्ली का स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। वहीं शराब नीति मामले में जब अरविंद केजरीवाल जेल गए तो सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने मिलकर सरकार के साथ पार्टी को संभाला।
पेशे से इंजीनियर हैं सौरभ
सौरभ भारद्वाज पेशे से इंजीनियर हैं। उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है और इसके बाद सॉफ्टवेयर कंसल्टेंट के रूप में कार्य किया है। फिलहाल सौरभ भारद्वाज स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं और दिल्ली में गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य संकट के दौरान महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने पर जोर देना।