By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 18, 2022
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के एक बयान पर पलटवार करते हुए रविवार को कहा कि दिल्ली व पंजाब में सत्तारूढ़ दल हर राज्य के चुनाव से पहले किये जाने वाले “पुराने नाटक” का सहारा ले रहा है और उसके शीर्ष नेता भ्रष्टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि गुजरात में सत्ताधारी दल घबराया हुआ है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने केजरीवाल को अतिमहत्वाकांक्षी करार दिया, जो दो राज्यों में सत्ता जीतने के बाद खुद को भगवान मान रहे हैं।
पात्रा ने कहा कि वह (केजरीवाल) हर चुनाव से पहले दावा करते हैं कि उनकी पार्टी जीत रही है और अन्य “घबराये” हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल का ईमानदारी और बेईमानी का प्रमाण-पत्र न्यायपालिका से ज्यादा महत्वपूर्ण है। भाजपा प्रवक्ता ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि आप नेता ने यह नहीं कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी उनसे डरते हैं। पात्रा ने कहा कि आप हिमाचल प्रदेश में ‘टूट’ गई है और उत्तराखंड में उसके अध्यक्ष ने पार्टी छोड़ दी है, हालांकि केजरीवाल ने इन राज्यों में अपनी पार्टी की संभावनाओं के बारे में बड़े-बड़े दावे किए थे।
केजरीवाल के उनकी पार्टी के “कट्टर ईमानदार” होने के दावे पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में वह (आप) “कट्टर बेईमान” और भ्रष्ट है। पात्रा ने जितेंद्र सिंह तोमर और संदीप कुमार का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी सरकार ने इतने कम समय में अपने कई मंत्रियों को विभिन्न आरोपों के कारण इस्तीफा देते नहीं देखा, जैसा कि आप सरकार ने किया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि शराब के धंधे से “कमीशन” लेने वाले नेता ने खुद की तुलना “कान्हा” (भगवान कृष्ण) से की और उन्हें “बयान बहादुर” कहा।
पात्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार का महिमामंडन करने का भी आरोप लगाया। इससे पहले दिन में, केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर तीखा हमला करते हुए उन पर भ्रष्टाचार से लड़ने के नाम पर आप को “कुचलने” की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें गुजरात चुनावों में हार का डर (सता रहा) है। अपनी पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार उनकी पार्टी के मंत्रियों और नेताओं को भ्रष्टाचार के झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि भाजपा गुजरात में ‘‘आप की बढ़ती लोकप्रियता को पचा नहीं पा रही है”।