By अंकित सिंह | May 17, 2024
लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार जबरदस्ती तरीके से चरम पर है। जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल भी चुनावी दंगल में कड़ी मेहनत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने हाल के दिनों में बार-बार यह दावा किया कि अगर केंद्र में भाजपा की सरकार आती है तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 2 महीने में हटा देंगे। उनके इस बयान से एक अलग चर्चा शुरू हो गई। हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने अब जाकर केजरीवाल के बयान पर पलटवार किया है। योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर कह दिया की जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल भ्रम की स्थिति में है और वह अपनी स्थिति को मुझसे जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जाहिर सी बात है कि चुनावी मौसम में अगर केजरीवाल ने कोई दावा किया है तो उसके कुछ राजनीतिक मायने होंगे। केजरीवाल को भी पता है कि सियासी फायदे के लिए भाजपा के वोटों में अगर बिखराव लाना है तो इस तरीके के दावे करने होंगे।
बिना किसी "व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा" के खुद को "योगी" कहते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष किया और हमीरपुर-महोबा में एक रैली में कहा कि जब से वह जेल से रिहा हुए हैं, उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया है। रैली में आदित्यनाथ ने कहा, "जेल से रिहा होने के बाद से केजरीवाल अपना दिमाग खो बैठे हैं। सनातन और हिंदू धर्म के प्रति मेरी प्रतिबद्धता अटल है और मैं इसके लिए 100 जन्मों के बाद भी सत्ता छोड़ सकता हूं।" उन्होंने तंज सकते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए इतने लालची हो गए हैं कि वह अपनी समस्या को मुझसे जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी 'खाँसी' कम हो गई थी।
11 मई को केजरीवाल ने कहा था कि अगर बीजेपी लोकसभा चुनाव जीतती है तो योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के सीएम नहीं रहेंगे। केजरीवाल ने बीजेपी के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे, एमएल खट्टर और रमन सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि योगी दो महीने के अंदर हट जाएंगे। उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे, एमएल खट्टर, रमन सिंह का राजनीतिक करियर खत्म हो चुका है। अगले नंबर पर योगी आदित्यनाथ हैं, अगर भाजपा यह चुनाव जीतती हैं, तो वे 2 महीने के भीतर उत्तर प्रदेश के सीएम को बदल देंगे। उन्होंने आगे दावा किया कि प्रधानमंत्री का मिशन 'एक राष्ट्र, एक नेता' है। लखनऊ दौरे पर भी उन्होंने यही दावा किया।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि योगी आदित्यनाथ भाजपा के बड़े नेता है। मोदी-शाह के अलावा वह भी विपक्ष के निशाने पर रहते हैं। अरविंद केजरीवाल को राजनीति में एजेंडा सेट करने में महारत हासिल है। जेल से बाहर निकलते ही उन्होंने एक तरीके का एजेंडा सेट करने की कोशिश की। पहली कि पीएम मोदी अमित शाह के लिए वोट मांग रहे हैं क्योंकि वे 75 साल के हो जाएंगे फिर अमित शाह को प्रधानमंत्री बना देंगे। दूसरा यह था कि अगर भाजपा चुनाव जीतती है तो वह योगी आदित्यनाथ को हटा देगी। केजरीवाल इसके जरिए भाजपा के उन वोटर को संदेश देने की कोशिश कर रहे थे जो योगी आदित्यनाथ की वजह से पार्टी से जुड़े हैं या फिर योगी आदित्यनाथ को मोदी के बाद पीएम पद का प्रबल दावेदार मानते हैं। हालांकि, भाजपा के तमाम नेताओं ने अमित शाह को लेकर केजरीवाल की टिप्पणी को पूरी तरीके से खारिज कर दिया और साफ तौर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2029 तक देश का नेतृत्व करेंगे। लेकिन योगी आदित्यनाथ वाले दावे को किसी ने कुछ नहीं कहा। इसी से केजरीवाल को बल मिला और उन्होंने यह बात फिर से लखनऊ में दोहरा दी। देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनाव में केजरीवाल की इन दावों को जनता कितनी गंभीरता से लेती है।