पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर खजाना भरने के बजाय जनता को राहत दे केजरीवाल सरकार: कांग्रेस
By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 05, 2020
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि, केजरीवाल सरकार को अपना खजाना भरने की बजाय लोगों को राहत देने और उनकी जान बचाने पर ध्यान देना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने यह भी कहा कि पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ाने से, कोरोना वायरस महामारी की वजह से पहले से ही परेशान आम लोगों पर बोझ बढ़ेगा। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ प्रति 10 लाख आबादी के हिसाब से दिल्ली में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले हैं। आम लोग परेशान हैं। इस बीच, दिल्ली में मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों पर एक और बोझ डाल दिया गया है।’’
माकन के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल पर वैट बढ़ाकर 30 फीसदी और डीजल पर 16.5 फीसदी कर दिया गया। कांग्रेस की सरकार में ये क्रमश: 20 फीसदी और 12.5 फीसदी थे। उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल ने 2015 में सत्ता संभालने के तत्काल बाद वैट अधिनियम में संशोधन किया और पेट्रोल- डीजल पर वैट की अधिकतम सीमा को 20 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया गया। माकन ने कहा, ‘‘केजरीवाल जी, आपसे अनुरोध है कि दिल्ली के लोगों की जान बचाएं, लोगों को राहत दें। खजाना भरना जरूरी नहीं है।’’ इससे पहले पार्टी प्रवक्ता और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ गई है। असम और हरियाणा की भाजपा सरकारों ने भी ऐसा किया है। यह गलत है और इससे, कोरोना वायरस महामारी की वजह से पहले से ही परेशान आम लोगों पर बोझ बढ़ेगा। हम इसकी घोर निंदा करते हैं।’’
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गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के ईंधन पर वैट (मूल्य वर्द्धित कर) बढ़ाने के बाद, राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को पेट्रोल 1.67 रुपये और डीजल 7.10 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया। तेल कंपनियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अब दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 71.26 रुपये का होगा। पहले यह कीमत 69.59 रुपये प्रति लीटर थी। इसी तरह डीजल की नयी कीमत 69.39 रुपये प्रति लीटर होगी जो पहले 62.29 रुपये प्रति लीटर थी। दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों में शराब की कीमत में बढ़ोतरी पर सुष्मिता ने कहा, ‘‘शराब कोई आवश्यक वस्तु नहीं हैं। इसके दाम में बढ़ोतरी राज्य सरकारों पर निर्भर है। लेकिन महिला कांग्रेस की अध्यक्ष होने के कारण मेरा यह कहना है कि सरकारें घरेलू हिंसा के पहलू को भी ध्यान में रखें।