By अंकित सिंह | Dec 02, 2024
आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने साफ तौर पर कहा कि पार्टी दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। यह साफ तौर पर विपक्षी इंडिया गुट के लिए बड़ा झटका। केजरीवाल की यह घोषणा ऐसे समय आई है जब अगले साल की शुरुआत में होने वाले चुनावों से पहले राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। पहले ही, कई हाई-प्रोफाइल दलबदल हो चुके हैं, जिनमें कई कांग्रेस और भाजपा नेता आप में शामिल हो गए हैं।
केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि आप दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए कोई गठबंधन नहीं करेगी। वहीं, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की बात पर अब कोई विश्वास नहीं करता है। जो व्यक्ति अपने बच्चों की झूठी कसम खा कर तोड़ सकता है उस पर दिल्ली का विश्वास नहीं रहा। उन्होंने कहा कि ये लोग अभी आपस में मोल भाव कर रहे हैं। ये एक दूसरे को धमकी देकर डराएंगे भी और मोल-भाव भी करेंगे।
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सच ये है कि अरविंद केजरीवाल बिना कांग्रेस से समझौता किए ठीक से चुनाव भी नहीं लड़ सकते हैं। जैसे इन दोनों ने मिलकर लोकसभा लड़ा और हमने हराया ऐसे ही हम फिर इनको हराएंगे। दिल्ली चुनाव में शहर-राज्य में अपना प्रभाव बढ़ाने के भाजपा के प्रयासों के खिलाफ AAP की शासन साख की परीक्षा होने की संभावना है। 26 विपक्षी दलों का गठबंधन, इंडिया ब्लॉक, राजधानी में भाजपा विरोधी वोटों को मजबूत करने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन केजरीवाल की घोषणा एकता में संभावित दरार का संकेत देती है।
आप और कांग्रेस विपक्षी इंडिया गुट का हिस्सा हैं और इस साल की शुरुआत में दिल्ली में लोकसभा चुनाव एक साथ लड़े थे। दोनों पार्टियों को कोई भी सीट नहीं मिली और बीजेपी ने सभी सीटें जीत लीं। यह पहली बार नहीं है जब आप ने गठबंधन पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, केजरीवाल ने पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया था और घोषणा की थी कि उनकी पार्टी सभी 13 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।