Kejriwal और ममता के करीबियों ने ही खोल दिए दोनों के बड़े राज! पहले से पता था...

By अभिनय आकाश | May 03, 2024

अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी के करीबी ही अब उन पर बड़े खुलासे कर रहे हैं। ममता पर आरोप है कि उन्हें पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के बारे में पहले से पता था। लेकिन वो सबकुछ जानते हुए भी चुप रहीं। जबकि दिल्ली में गरीबों और आम आदमी की बात करने वाले अरविंद केजरीवाल पर उनके करीबी ही आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने सफाई कर्मचारियों की सैलरी रोक कर रखी। दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद ने केजरीवाल सरकार को लेकर कई खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली के सफाई कर्मचारियों की सैलरी रोक कर रखी। इसके अलावा केजरीवाल ने चुनाव से पहले सफाई कर्मचारियों को परमानेंट करने का वादा किया था। वो भी पूरा नहीं किया। आपको जानकर हैरानी होगी की सैलरी नहीं मिलने की वजह से कई सफाई कर्मचारियों ने आत्महत्या तक कर ली। लेकिन केजरीवाल का दिल नहीं पिघला।

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याद करें अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस की तस्वीरों को तो हमेशा उसमें आपको  भगत सिंह और बाबा साहब आंबेडकर की फोटो पीछे की तरफ दिख जाएगी।  ये दोनों ही गरीबों और पिछड़ों की हक की बात करते थे। लेकिन दिल्ली के गरीब और दलित सफाईकर्मियों का हक मारने का आरोप उनके ही करीबी लोग लगा रहे हैं। उनकी सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद ने कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। दिल्ली सरकार में समाज कल्याण और अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मामलों के मंत्री रह चुके हैं। उनके अनुसार केजरीवाल ने दिल्ली सरकार में अलग अलग विभागों में सफाई कर्मचारियों की जानबूझकर परमानेंट की बजाए ठेके पर अप्वाइंटमेंट की। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि रिजर्वेशन के नियमों का पालन न करना पड़े। 

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ममता सरकार पर TMC का बड़ा खुलासा 

बंगाल में टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने शिक्षक भर्ती घोटाले में हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। कुणाल घोष के अनुसार टीएमसी के नेताओं को इस बात की पूरी जानकारी थी कि स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और नौकरियों के नाम पर जबरन वसूली हो रही थी। पार्टी को 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले ही इसकी जानकारी थी। पूर्व महासचिव कुणाल घोष ने यह भी दावा किया कि इस भ्रष्टाचार और जबरन वसूली की जानकारी के कारण ही पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को 2021 विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद शिक्षा मंत्रालय से उद्योग विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था।  पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ते हुए कह दिया था कि उन्हें इस सब के बारे में पता ही नहीं था।

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