By अनन्या मिश्रा | Sep 14, 2023
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव से पहले केसीआप सरकार ने प्रदेश की जनता के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं का ऐलान किया है। जहां एक तरफ टीआरएस के अध्यक्ष केसीआर ने अपनी पार्टी का नाम बदलकर बीआरएस यानी की भारत राष्ट्र समिति कर दिया है। वहीं केसीआर की तेलंगाना में चलाई जा रही अपनी योजनाओं पूरे देश के सामने रख अपनी रणनीति का दम दिखाया है। ऐसे में केसीआर सरकार की दो योजनाएं ना सिर्फ राज्य बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी उनके लिए चमत्कार साबित हो सकती हैं।
बता दें कि के. चंद्रशेखर राव ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने के साथ ही पीएम मोदी के सामने एक मजबूत विकल्प बनने की अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए वह राज्य में बीजेपी के खिलाफ रायथु बंधु और दलित बंधु योजना को सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का दांव चल सकते हैं। इन दो योजनाओं के चलते केसीआर राज्य में मजबूत राजनीतिक आधार बना सकते हैं।
रायथु बंधु योजना
रायथु बंधु मतलब 'किसान का मित्र' होता है। इस योजना के तहत किसानों को शुरूआती निवेश के दौरान समय पर नकद धनराशि दी जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसान भाई कर्ज के जाल में ना फंसे। केसीआर सरकार प्रत्येक लाभार्थी किसान को इस योजना के तहत हर फसल के मौसम से पहले प्रति एकड़ 4,000 रुपए प्रदान करती है। इस तरह से सरकार की तरफ से किसानों को सालाना 8 हजार रुपए दिए जाते हैं। इस राशि से किसान बीज, उर्वरक, कीटनाशकों और फसल की तैयारी में लगने वाली लागत संबंधी खर्चे में सहायता मिलती है।
इस योजना के तहत राज्य के किसानों को महाजनों से खेती के लिए ब्याज या कर्ज पर पैसे लेने की जरूरत नहीं पड़ रही है। इस तरह से राज्य के किसानों पर कर्ज का बोझ भी नहीं पड़ता है। इस योजना के तहत लाखों किसानों को लाभ मिला है। वहीं राज्य की इस योजना की सराहना करते हुए कहा गया है कि केसीआर सरकार की यह योजना सामाजिक और कृषि नीति के लिए आदर्श साबित हो सकती है। इसके अलावा राजनीतिक दृष्टि से देखें तो केसीआर इस योजना के जरिए किसानों के बीच अपनी पैठ को मजबूत कर रहे हैं।
दलित बंधु योजना
दलित समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केसीआर सरकार राज्य में दलित बंधु योजना चला रही है। इस योजना के तहत किसी भी दलित परिवार को व्यवसाय या व्यापार शुरू करने के लिए बिना किसी बैंक गारंटी 10 लाख रुपए की सहायता सरकार द्वारा दी जाती है। इस पैसे को सीधे लाभार्थियों के अकाउंट में भेजा जाता है। सरकार की इस योजना के तहत दलित समुदाय को आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के लिए अपने उद्यम को विकसित करने में मदद मिल सकती है। यह योजना दलित लोगों के लिए मददगार साबित हुई है। राज्य सरकार की इस योजना का केसीआर को सियासी तौर पर भी फायदा मिला है।
केसीआर ने दलित परिवारों के लिए कारोबार शुरू करने के लिए 'दलित बंधु योजना' और किसानों के लिए 'रायथु बंधु' योजनाओं को सियासी हथियार बनाने की प्लानिंग है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कल्याणकारी योजनाएं विधानसभा चुनाव और राष्ट्रीय राजनीति में केसीआर को कितना फायदा पहुंचाती हैं।