By अभिनय आकाश | Jun 24, 2023
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव या केसीआर के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में पैठ बनाने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर रही है। बीआरएस ने हाल के महीनों में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में रैलियां आयोजित की हैं, जिनमें भीड़ भी उमड़ी। सीएम केसीआर अपने पूरे मंत्रिपरिषद के साथ 26 जून को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पंढरपुर मंदिर शहर में पहुंच रहे हैं। वे सभी आषाढ़ी एकादशी से दो दिन पहले 27 जून को पंढरपुर में प्रसिद्ध श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर का दौरा करेंगे।
बीआरएस के महाराष्ट्र किसान सेल के प्रमुख माणिक कदम ने कहा कि केसीआर ने पिछले दिनों पंढरपुर मंदिर का दौरा किया था। इस बार उनके नेतृत्व में पूरा तेलंगाना मंत्रिमंडल पंढरपुर में होगा। बीआरएस ने शहर में केसीआर कैबिनेट की उपस्थिति के दौरान पंढरपुर में एक हेलीकॉप्टर से वारकरियों पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाने की भी योजना बनाई है। वारकरी भगवान विट्ठल के भक्त हैं, जो जून-जुलाई में बड़ी संख्या में पैदल मंदिर शहर की वार्षिक तीर्थयात्रा करते हैं। बीआरएस महाराष्ट्र में अपने प्रवेश के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं की भर्ती करने और किसानों तक पहुंच बनाने सहित कई अन्य उपाय भी कर रही है, जिससे राज्य दलों के एक वर्ग, विशेषकर विपक्ष में कुछ चिंता पैदा हो गई है।
वरिष्ठ राकांपा नेता और विपक्ष के नेता (एलओपी) अजीत पवार का कहना है कि हम बीआरएस को हल्के में नहीं ले सकते। बीआरएस महाराष्ट्र में सक्रिय है। वह राज्य में खुद को मजबूत करने के लिए तेजी से अपना नेटवर्क फैला रहा है। ऐसा लगता है कि केसीआर की महाराष्ट्र रणनीति "किसान सरकार" की आवश्यकता पर प्रकाश डालने पर केंद्रित है। हाल ही में केसीआर ने नागपुर में बीआरएस कार्यालय खोला, जहां उन्होंने एक सार्वजनिक रैली भी की।