By रेनू तिवारी | Oct 09, 2022
नयी दिल्ली। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव द्वारा अपनी राष्ट्रीय पार्टी शुरू करने के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरोप लगाया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने तांत्रिकों की सलाह के आधार पर यह कदम उठाया। इससे पहले सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र चरण में लाने के लिए अपना नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (BRS) कर लिया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता निर्मला सीतारमण ने कहा,तेलंगाना के सीएम केसीआर ने तांत्रिकों की सलाह पर सचिवालय जाना बंद कर दिया। केसीआर, तंत्र और अंकशास्त्र में विश्वास करते हुए, पार्टी का नाम टीआरएस से बीआरएस में बदल दिया है।
तंत्र-मंत्र में विश्वास रखते है तेलंगाना के मुख्यमंत्री
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने तांत्रिक और अंकशास्त्र के जानकारों की सलाह पर न केवल राज्य सचिवालय जाना बंद कर दिया है, बल्कि लंबे समय तक महिलाओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल भी नहीं किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता ने यह भी दावा किया कि केसीआर के नाम से जाने जाने वाले राव ने ‘‘तांत्रिकों की सलाह’’ पर अपनी पार्टी का नाम बदल लिया है।
तांत्रिकों की सलाह पर पार्ची का नाम बदला
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी की राष्ट्रीय विस्तार योजनाओं के तहत तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया था। सीतारमण ने एक बयान में कहा, ‘‘तेलंगाना की भावना को समझने के लिए टीआरएस का गठन किया गया था। राव ने तेलंगाना को धोखा दिया और तांत्रिकों की सलाह पर टीआरएस का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि जब तेलंगाना का गठन हुआ था, तब राव ने महिला सशक्तीकरण के बारे में भी बात की थी, ‘‘लेकिन चार साल तक (2014 से 2018 तक) टीआरएस सरकार में एक भी महिला मंत्री नहीं शामिल की गयी थी’।
टीआरएस से बीआरएस किया पार्टी का नाम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दक्षिणी राज्य में टीआरएस के फिर से सत्ता में आने के बाद भी लगभग एक साल तक कैबिनेट में कोई महिला मंत्री नहीं रही। उन्होंने कहा, ‘‘केसीआर ने तांत्रिकों और अंकशास्त्रियों की सलाह पर सचिवालय जाना बंद कर दिया, कई वर्षों तक महिलाओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया और अब अपनी पार्टी का नाम बदल लिया है।’’ सीतारमण ने कहा कि टीआरएस के शासन काल में तेलंगाना राजस्व-अधिशेष वाले राज्य की श्रेणी से राजस्व-घाटा वाले राज्य के रूप में तब्दील हो गया है। कालेश्वरम परियोजना के बारे में उन्होंने कहा कि इसे 40,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पूरा किया जाना था, जो बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि इसके वास्तविक कारणों का पता नहीं चल सका है। सीतारमण ने आरोप लगाया कि टीआरएस सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है।