श्रीनगर। कश्मीर में एक मौत की हत्या के विरोध में अलगाववादियों की ओर से बुलाई गई हड़ताल और प्रशासन द्वारा लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाये जाने से आज कश्मीर घाटी के अनेक स्थानों का जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने बताया कि पूरी घाटी के कई स्थानों में व्यापारिक प्रतिष्ठान और दुकानों के साथ विद्यालय एवं कॉलेज और बंद रहे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हालिया छापेमारी, और मंगलवार को गंगापोरा शोपियां में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुयी झड़प के दौरान 19 वर्षीय आदिल फारुख नाम के युवक की मौत के बाद अलगाववादियों द्वारा बुलाई गयी हड़ताल के मद्देनजर प्रशासन ने कानून व्यवस्था बरकरार रखने के लिये श्रीनगर और शोपियां कस्बे के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगा दिया।
हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों के चेयरमैन, सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख और जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक ने दक्षिणी कश्मीर में लोगों से झड़प में मारे गये युवक के घर की ओर पहुंचने की अपील की थी। प्रशासन ने श्रीनगर के सात पुलिस थाना क्षेत्र- खानयार, एमआर गंज, सफाकादल, रानीवाड़ी, क्रालखुड, नौहट्टा और मैसुमा में पाबंदिया लगा रखी हैं। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी कश्मीर के शोपियां कस्बे के अलावा, मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में धारा 144 लगा दी गयी है, जबकि यहां लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगाया गया है। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं। प्रशासन ने आज घाटी के सभी विद्यालयों, सीनियर सेकेंडरी विद्यालय और कॉलेज बंद करवा दिये हैं। कश्मीर विश्वविद्यालय की प्रस्तावित परीक्षायें भी स्थगित कर दी गयी हैं। हड़ताल के कारण घाटी का जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने बताया कि इलाके की ज्यादातर दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, हालांकि इसके लिये प्रतिबंध नहीं लगाया गया था। सड़कों से सार्वजनिक वाहन भी नदारद रहे।