By नीरज कुमार दुबे | Apr 04, 2023
आतंकवाद के दौर में कश्मीर को कई तरह से नुकसान उठाना पड़ा। खासतौर पर कश्मीरी हस्तशिल्प को बहुत नुकसान हुआ। कई कलाएं लुप्तप्राय हो गयीं तो कई का बाजार पूरी तरह खत्म हो गया। लेकिन अब बदले माहौल में कश्मीर की विरासत को सहेजने और संस्कृति के प्रचार प्रसार का काम हो रहा है। कश्मीर में हस्तशिल्प क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है, कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है और अब कश्मीरी कालीन को भी बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पहल की है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जम्मू और कश्मीर के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और उनकी मार्केटिंग करने के लिए कश्मीर में कालीन उत्पादकों के लिए एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रभासाक्षी संवाददाता ने इस आयोजन का जायजा लिया और भागीदारों से बात कर उनकी समस्याएं तथा इस क्षेत्र के लिए उनके आगामी लक्ष्यों को जाना। इस दौरान सभी ने कहा कि हमारा उद्देश्य कश्मीर को दुनिया का सबसे बड़ा कालीन निर्यातक बनाना है।