By नीरज कुमार दुबे | Sep 20, 2022
श्रीनगर। कश्मीर को कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत मिली है। कश्मीर में खासकर हाथ से बनायी गयी कलाकृतियां पूरी दुनिया में बेजोड़ मानी जाती हैं। ऐसी ही एक कश्मीरी कला है खतमबंद। इसके तहत देवदार और अखरोट की लकड़ी का उपयोग करके हाथ से जो आकृतियां बनाई जाती हैं उनका उपयोग छत और दीवारों को सजाने के लिए किया जाता है। इसमें लकड़ी को ज्योमैट्रिकल शेप में काटा जाता है। हाउसबोट में इस कला के काफी उदाहरण देखने को मिलते हैं।
हालांकि अब इस कला के जानकार बहुत कम बचे हैं क्योंकि नई पीढ़ी इसमें हाथ आजमाने से बचती है ऐसे में कुछेक परिवार ही हैं जोकि पीढ़ियों से इस हुनर को आगे बढ़ाते आये हैं। 70 वर्षीय अली मुहम्मद नजर जोकि डाउनटाउन के सफा कदल में अपनी एक वर्कशॉप चलाते हैं वह खतमबंद कला के गहन जानकार हैं। प्रभासाक्षी संवाददाता ने उनकी वर्कशॉप में जाकर इस कला की बारीकी को जाना। इस दौरान अली मुहम्मद नजर ने बताया कि उनके पूर्वज छतों के लिए खतमबंद बनाते थे और वह भी इस कला को आगे बढ़ा रहे हैं जिससे अच्छी खासी कमाई भी हो जाती है। हम आपको बता दें कि अली मुहम्मद नजर ने कई ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों, इमारतों और स्मारकों को अपनी कला से नया रूप प्रदान किया है। वह लोगों को इस कला का प्रशिक्षण भी देते हैं और दुनिया के कई देशों में उनके काम की दाद दी जाती है।