By रितिका कमठान | Nov 26, 2023
इन दिनों इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है। इजरायल की ओर से युद्ध की घोषणा के बाद पूरी दुनिया में गंभीर संकट छा गया था। दोनों देशों के बीच जारी युद्ध मे कई लोगों की जीवनलीला समाप्त हुई है। इस युद्ध की स्थिति को देखते हुए भारत ने सक्रियता दिखाते हुए ऑपरेशन अजय की शुरुआत की है, जिसके जरिए इजराइल में फंसे हुए भारतीय को स्वदेश वापस लाने की प्रक्रिया जारी है।
वहीं जो भारतीय सफलतापूर्व इजराइल के गंभीर युद्ध संकट से निकलकर स्वदेश लौटने में सफल हुए हैं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के इस ऑपरेशन अजय के प्रति आभार जताया है। भारत सरकार के ऑपरेशन अजय से लौटी महिला ने भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूरे भारतीय सिस्टम का आभार जताया जिनके सकारात्मक कदमों की बदौलत वो अन्य यात्रियों के साथ स्वदेश सकुशल लौट सकीं। उन्होंने कहा कि भारतीय राजदूत और दूतावास के प्रयासों की बदौलत ही हम सुरक्षित स्वदेश लौट सकें है। ये कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं बल्कि संकटग्रस्त इजराइल से सुरक्षित लैटे कई भारतीयों की है। कई भारतीय सुरक्षित वतन वापस लौटे, जिसकी खुशी में विमान में ही उन्होंने वंदे मातरम का जयघोष किया।
भारत ने अपने अभियान ऑपरेशन अजय के दौरान नेपाल के भी कुछ नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की थी। 22 अक्टूबर तक ऑपरेशन अजय के तहत छह उड़ानें भारत पहुंच चुकी है। भारत ने किसी अंतरराष्ट्रीय संकट के दौरान अपने नागरिकों की तत्परता से सहायता की है। इसी के साथ भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन की प्रेरणा से आपात स्थिति में देश के नागरिकों को भी मानवीय सहायता दी है।
गौरतलब है कि ये पहला मौका नहीं है जब भारत सरकार ने विदेश में फंसे भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाने के लिए कदम उठाए है। इस बार भी भारतीयों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित की गई है। दुनिया भर में कहीं भारतीयों के परेशानी में फंसे हुए होने की जानकारी मिलती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तत्काल कदम उठाते है। उन्होंने अपनों की मदद के लिए हमेशा कदम उठाए है। इसका उदाहरण कई बार देखने को मिला है। बात अगर यमन में तनाव की हो जब 4000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित वापस वतन लाया गया था। इसके अलावा कोरोना काल में दो लाख से अधिक विमान फेरों से विदेशों में फंसे करोड़ों भारतीय को वापस लाया गया था।
भारत ने विदेशों में फंसे अपने देश के लोगों को बाहर निकालने में कभी देरी नहीं की है। इसका उदाहरण तब भी देखने को मिला जब अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जे के बाद भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए कदम उठाए गए है। इसके अलावा रूस- यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय की वापसी हो या फिर सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए ऑपरेशन कावेरी चलाया गया था, जिसकी चर्चा जोर शोर से हुई थी। इस ऑपरेशन के जरिए भारतीय स्वदेश लौटे थे। भारत सरकार ने हमेशा तत्परता दिखाई और यही तत्परता इजराइल में जंग के मैदान में असुरक्षित महसूस कर रहे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए ऑपरेशन अजय के दौरान भी देखने को मिली। ये पूर्ण रूप से पीएम मोदी के सकारात्मक दृष्टिकोण और संकल्प को दर्शाता है।
जब भारत सरकार ने दिखाई तत्परता, मदद के लिए आए आगे
- आतंक के साए में आशा की किरण : भारत ने 2014 में इराक में आईएसआईएस की कैद से 46 नर्सों की सफलतापूर्वक स्वदेश वापसी सुनिश्चित की।
- वर्ष 2015 में उल्लेखनीय पहल : 'ऑपरेशन मैत्री' से भारत ने नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप में फंसे 5,188 लोगों को बचाया।
- वर्ष 2015 के 'ऑपरेशन राहत' से भारत ने यमन के संकट से 4,748 भारतीयों और 1,962 विदेशी नागरिकों सहित 6,710 व्यक्तियों को सकुशल निकाला।
- महामारी के बीच किया काम : 2021 में 'वंदे भारत मिशन' के माध्यम से भारत ने 2.17 लाख से अधिक उड़ानें संचालित की और कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्णसमय में 1.83 करोड़ यात्रियों की सुरक्षित यात्रा की सुविधा प्रदान की।
- 2021 में 'ऑपरेशन देवी शक्ति' द्वारा 800 से अधिक लोगों को अफगानिस्तान की युद्धग्रस्त भूमि से सफलताापूर्वक निकाला गया।
- 2022 में 'ऑपरेशन गंगा' आशा की किरण बनकर उभरा, जिसने यूक्रेन में रूसी आक्रमण के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान लगभग 22,500 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की।
- वर्ष 2023 में 'ऑपरेशन दोस्त' द्वारा भूकंप से प्रभावित तुर्किये की सहायता के लिए आपातकालीन राहत सामग्री और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल उपकरण वितरित किए।
- वर्ष 2023 में 'ऑपरेशन कावेरी' के जरिए सूडान की संघर्षग्रस्त भूमि से भारतीय मूल के लगभग 3000 यात्रियों को सकुशल निकाला गया।
आज के लिए इतना ही अगले कर्तव्य पथ में किसी और मुद्दे पर देंगे आपको विस्तृत जानकारी तब तक के लिए जुड़े रहें प्रभा साक्षी के साथ