By कमलेश पांडेय | Feb 01, 2022
करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हरियाणा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सूरजपाल अम्मू ने कहा कि भारत सरकार को गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए और गौ हत्यारों पर 302 जैसी आपराधिक धाराओं में मुकदमे दर्ज करनी चाहिए। उन्होंने हरियाणा की तर्ज पर पूरे देश में गौ सेवा आयोग का गठन किये जाने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा कि करनी सेना ने ठाना है, गौ हत्यारों को जेल में पहुंचाना है।
सूरजपाल अम्मू गाजियाबाद में करणी सेना की स्थापना के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश के मशहूर पत्रकार व स्तम्भकार कमलेश पांडेय से देश व समाज के ज्वलंत मसलों पर विशेष बातचीत कर रहे थे।
बातों ही बातों में उन्होंने साफ साफ कह डाला कि केंद्र सरकार और राष्ट्रीय मीडिया को यूपी के कैराना की तरह ही हरियाणा के मेवात में उत्पीड़ित हो रहे हिंदुओं की फिक्र करनी चाहिए। लगे हाथ उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय मीडिया में तो यूपी के कैराना में हो रहे हिंदुओं के उत्पीड़न और पलायन के मुद्दे को जोर-शोर से उछाला जाता है, लेकिन जब हरियाणा के मेवात में हो रहे हिंदुओं के उत्पीड़न और पलायन की बात आती है तो राष्ट्रीय टीवी चैनल्स और नेशनल अखबारों के द्वारा उसकी घोर उपेक्षा की जाती है। ऐसा किया जाना ठीक नहीं है और हिन्दू समाज को ऐसी मानसिकता वाले दोमुंहे लोगों से सतर्क रहना चाहिए।
यहां प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश:-
सवाल:- गौ सेवा का ख्याल पहली बार आपको कैसे आया। कुछ बताइए?
जवाब:- मैं सोहना, मेवात का रहने वाला हूँ। दर्द भरे दिल से कह रहा हूँ कि हरियाणा में सात साल पहले बीजेपी की खट्टर सरकार के आने से पहले अरावली की पहाड़ियों पर सूर्य की पहली किरण के छींटकने से पहले हजारों हजार गायें कत्ल कर दी जाती थीं। लेकिन जब से वहां पर मनोहर लाल खट्टर की सरकार आई, तब से इस पर लगाम लग पाया। क्योंकि हरियाणा सरकार ने गौ सेवा आयोग का गठन करके इन अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश की। लेकिन इतना सख्त कानून बन जाने के बावजूद हरियाणा के मेवात और राजस्थान के अरवल व भरतपुर इलाके में गौ हत्याएं जारी हैं। इन्हें रोकने के लिए करणी सेना के कार्यकर्ता जुटे हुए हैं। उन्होंने गौ हत्या पर काबू पाने और गौ हत्यारों को सजा दिलवाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी तारीफ की और कहा कि योगी सरकार के सख्त कदमों से यहां पर गौ हत्याएं काबू में आई हैं। ऐसे ही कदम केंद्र सरकार व अन्य राज्यों की सरकारों को भी उठानी चाहिए, ताकि प्राणी मात्र के लिए वरदान समझी जाने वाली गौ माताओं व गौ वंशों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने नारा दिया कि "करणी सेना ने ठाना है, गौ हत्यारों को जेल पहुंचाना है।" उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता गण देश के 22 राज्यों में फैले हुए हैं और गौ हत्या रोकने के लिए हिन्दू समाज के सभी लोगों को जागृत कर रहे हैं।
सवाल:- पद्मावत फ़िल्म का विरोध करके आप राष्ट्रीय चर्चा में आए और हिंदुत्व की बात करके अब भी चर्चा में बने हुए हैं, आगे क्या इरादा है?
जवाब:- हमारा विरोध पद्मावत फ़िल्म से नहीं, बल्कि हमारी आराध्य महारानी पद्मावती से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने को लेकर था। इसलिए पूरे देश के हिंदुओं ने इस बनावटी फ़िल्म का विरोध किया, जिसे एक सशक्त नेतृत्व देने के लिए मैं सामने आया। अभी आंदोलन जोर ही पकड़ रहा था कि हमें 25 जनवरी 2018 को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया। मैं अपनी उस बात पर अटल रहा कि मां पद्मावती ने जो जौहर किया था, वह ऐतिहासिक है, लेकिन उन पर बनी फ़िल्म पद्मावत में कुछ आपत्तिजनक तथ्य थे, क्योंकि तथ्यों को तोड़ा मरोड़ा गया था। ऐसा न किया जाए और इसमें बदलाव किया जाए, यही हमारी मांग थी। उन्होंने कहा कि हिन्दू संस्कृति, हिंदुओं के गौरवशाली इतिहास और भारतीयों की स्थापित पहचान का सम्मान सभी को करना चाहिए। यदि कोई ऐसा नहीं करेगा, उससे छेड़छाड़ करेगा तो हमारी करनी सेना उसका मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने देश में सक्रिय हिन्दू विरोधी ताकतों, हिंदुत्व विरोधी मीडिया और हिंदुओं को गाली देने वाले ओवैसी और चंद्रशेखर जैसे नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि यदि ये लोग अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आएंगे तो करनी सेना इनको मुंहतोड़ जवाब देगी। इसके लिए व्यापक रणनीति का खुलासा हम अपने तृतीय स्थापना दिवस पर करेंगे।
सवाल:- आपका राजनीतिक झुकाव किधर है। निर्द्वन्द्व होकर बताइए?
जवाब:- करणी सेना एक सामाजिक संगठन है। गौ रक्षा, हिंदुत्व और भारतीयता की रक्षा करना हमारा उद्देश्य है। मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करता हूँ, क्योंकि उन्होंने पूरे विश्व में हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया है। उसी तरह से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी सम्मान करता हूँ, क्योंकि उन्होंने हिंदुओं को उनकी ताकत का एहसास करवाया है। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी नेता नाहिद हसन आदि मुस्लिम नेताओं व उनके समर्थकों द्वारा जिस तरह से बीजेपी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विहिप, करनी सेना आदि के खिलाफ अमर्यादित भाषाओं के प्रयोग किये जा रहे हैं, हिंदुओं खासकर राजपूतों के खिलाफ धमकी भरे अपशब्दों के प्रयोग किये जा रहे हैं, आपत्तिजनक बातें कही जा रही हैं, वह आदर्श आचार संहिता का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है। इन जैसे उपद्रवियों को काबू में करने के लिए और हिंदु समाज की इज्जत आबरू की रक्षा के लिए हमें गोलबंद होना पड़ेगा। इसलिए हम अपने लोगों को जागरूक कर रहे हैं, ताकि हमारी ही धरती पर हमें कोई दबाने की हिमाकत नहीं करे। हमारी मांग है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किया जाए और हम दो हमारे दो का कानून सख्ती से लागू किया जाए। इसके लिए हिंदूवादी लोगों को एकजुट होना होगा और जातीय संकीर्णताओं को मिटाना होगा। करणी सेना सिर्फ राजपूत नहीं, बल्कि सभी समाज की बात करती है और इसमें सभी समाज के लोग शामिल हैं।
सवाल:- जनसंख्या नियंत्रण कानून के बारे में आपकी क्या राय है। यह कानून अब तक क्यों नहीं आ पाया?
जवाब:- केंद्र सरकार भारतीय संस्कृति और भारतीयता की हिफाजत के लिए और हिन्दू हितों की रक्षा के वास्ते एक के बाद एक करके कई कानून लागू कर चुकी है। इसलिए मुझे पूरी उम्मीद है कि यह कानून भी अपनी सुविधा के अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार अवश्य लाएगी। यह पहली सरकार है जिसने कई घिसे पिटे कानूनों को चरणबद्ध रूप से बदल दिया है, इसलिए हमें पूरा विश्वास है कि सरकार हिंदुओं को नाउम्मीद नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सबको मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए और रोजगार देने के लिए बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित किया जाना बहुत जरूरी है। हमारे मुस्लिम भाई की तालीम ही ऐसी है कि जनसंख्या को बढ़ावा मिलता है। उनकी पाकिस्तान और बांग्लादेश के प्रति भक्ति भी सवालों के घेरे में है। किसी भी भारतीय को मदरसे और मंदिरों में अंतर साफ नजर आएगा। मेरी चिंता मुस्लिम बच्चों को लेकर है। उनकी तालीम यानी शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिससे वो राष्ट्रवादी बनें। आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा हासिल करके आत्मनिर्भर बनें। इस दिशा में उनकी संकुचित सोच बाधक है।
सवाल:- मुस्लिम हितों की रक्षा के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड को आप कितना जरूरी मानते हैं? वैसी ही सहूलियत अन्य धर्मावलंबियों को मिलनी चाहिए या नहीं?
जवाब:- भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। इसलिए यहां पर किसी को भी पर्सनल लॉ बोर्ड की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी अविलम्ब भंग कर दिया जाना चाहिए। हम उनकी अपनी शिक्षा और अपना सरिया कानून की जिद्द से सहमत नहीं हैं, क्योंकि यह उनके समाज के साथ साथ देश की धर्मनिरपेक्ष सोच के लिए भी बाधक है। उन्होंने कहा कि सड़क या खुले में नमाज अदा करना एक गलत परिपाटी है। विभिन्न राज्य सरकारों को इस पर अविलम्ब रोक लगानी चाहिए। यूपी में चुनाव हो रहे हैं, इसलिए प्रदेश के संवैधानिक मुखिया राज्यपाल से मैं मांग करता हूँ कि सिस्टम के व्यापक हित की पूर्ति के लिए सड़क या खुले में नमाज के ऊपर भी धारा 144 लागू करके कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। क्योंकि जब हिन्दू अपने किसी भी सामूहिक धार्मिक कृत्य करने से पहले प्रशासनिक इजाजत लेते हैं तो फिर मुस्लिम समाज को भी ऐसा करने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई जहां चाहे वहीं लेट जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार इसे नियंत्रित कर रही है। यूपी व अन्य सरकारों को भी ऐसा करना चाहिए। क्योंकि कानून सबके लिए बराबर है। करणी सेना मुसलमानों की हिन्दू विरोधी प्रवृत्ति के खिलाफ है। हिंदुस्तान में उनकी दादागिरी नहीं चलने दी जाएगी। उनके खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा। मैं सभी करनी सैनिकों का आह्वान करता हूँ कि जहां कहीं भी देश विरोधी कार्य हों, उसे वहीं पर रोकने के लिए अड़ जाएं, लड़ जाएं और यदि देश हित में मरना जरूरी है तो मर जाएं, पर कहीं भी राष्ट्र विरोधी कार्य नहीं होने दें।
सवाल:- आपका दो सपना क्या है। उसे आप कैसे पूरा करेंगे?
जवाब:- अखंड हिन्दू राष्ट्र ही हमारा सपना है। मेरा दो सपना नहीं है, बल्कि एक ही सपना है। भारत को अविलम्ब हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए। क्योंकि दुनिया में हमारा पड़ोसी देश नेपाल ही एक मात्र हिन्दू राष्ट्र है, जिसे भी धर्मनिरपेक्ष बनाने की पहल की जा रही है। इसलिए भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए। इसे हम पूरा करके रहेंगे। क्योंकि जब साम्प्रदायिक आधार पर हुए देश विभाजन के बाद हमारे पूर्वजों ने मुसलमानों को उनके सपनों का पाकिस्तान दे ही दिया, उसके बाद उनकी यहां पर कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं ने कुछेक मुसलमानों की स्थिति पर तरस खाकर उन्हें यहां रहने की इजाजत दी। इसी का नाजायज फायदा उठाकर आज वह फिर से गोलबंद होकर एक और साम्प्रदायिक विभाजन के लिए हमें ललकारने लगे हैं। उनके कतिपय धर्मगुरुओं और नेताओं के बयानों से इस बात का एहसास भी हिन्दू समाज को हो रहा है। लेकिन इस बार करणी सेना उनको मुंहतोड़ जवाब देगी। हमारे सैनिक सीमा पर उनके नापाक इरादों को पूरा नहीं होने देंगे और हमलोग देश के भीतर उनके नापाक सपनों को कुचल देंगे। इसी उद्देश्य से करनी सेना को सांगठनिक विस्तार दिया जा रहा है। महज 3 वर्ष में ही 22 राज्यों में हमारा मजबूत संगठन खड़ा हो चुका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जब मुसलमानों को भी सुरक्षा नहीं दे सका, तब हमने उन्हें सुरक्षा देकर बांग्लादेश बनवाया। वो भी आज पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की अवैध घुसपैठ से हमारे लोगों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। भारत सरकार से हमलोग मांग करते हैं कि अविलम्ब इन्हें देश से बाहर किया जाए, अन्यथा करनी सैनिकों को ही यह कार्य भी करना पड़ेगा। यदि सरकार सहयोग करे तो हमलोग ऐसा करने में भी सक्षम हैं।
सवाल:- आपकी नजर में यूपी के कैराना और हरियाणा के मेवात की घटनाओं में क्या अंतर है। कौन ज्यादा गम्भीर मामला बनता जा रहा है?
जवाब:- जहाँ यूपी के कैराना से मुस्लिम उत्पीड़न के चलते पलायन कर रहे हिंदुओं और उनके घरों व दुकानों पर चस्पां किये गए "फ़ॉर सेल बिल्डिंग एन्ड शॉप" आदि को राष्ट्रीय मीडिया ने काफी तवज्जो दी और जोर शोर से देश-दुनिया के समक्ष उछाला। लेकिन हरियाणा के मेवात के अंदर 210 हिंदुओं के गांवों में से 180 गांव क्रमबद्ध रूप से हिन्दू विहीन कर दिए गए, परन्तु वहां पर चस्पां किये गए "फ़ॉर सेल बिल्डिंग एन्ड शॉप" आदि को राष्ट्रीय मीडिया ने कोई तवज्जो नहीं दी। उसको किसी टीवी चैनल्स ने नहीं प्रसारित किया और न ही कभी इस पर राष्ट्रीय बहस हो पाई। भारत सरकार को भी इसकी उतनी ही चिंता करनी चाहिए, जितनी कि कैराना की दिखी। उन्होंने बताया कि मेवात में अब मात्र 30 गांव हिंदुओं के बच गए हैं। वहां के लोग यदि सबल नहीं होते और करनी सेना सक्रिय नहीं हुई होती तो उनकी भी काफी दुर्गति हुई होती। मेवात उन दिनों भी राष्ट्रीय सुर्खियां नहीं पा सका, जब 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में राम जन्मभूमि विवादास्पद ढांचा को तोड़े जाने की प्रतिक्रिया में मेवात के सारे हिन्दू मंदिर तोड़ डाले गए। उस वक्त हरियाणा के मुख्यमंत्री भजनलाल थे। इसलिए राष्ट्रीय मीडिया से हमारा अनुरोध है कि मेवात में हो रहे हिन्दू उत्पीड़न के बारे में भी देश-दुनिया को बताए। इससे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में किये जा रहे हिंदुओं के उत्पीड़न से लोग बाकी जगहों पर सजग हो जाएंगे और इनकी बढ़ती तादात को काबू में करने की जुगत बिताएंगे। राष्ट्रीय तालमेल बनाकर ऐसी किसी भी समस्या से निबटेंगे।
सवाल:- एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के बारे में आपकी क्या राय है, क्योंकि बीजेपी विरोधी दल उसे भाजपा का एजेंट करार दे रहे हैं?
जवाब:- एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी बीजेपी के करीब न तो कभी था, न है और न ही रहेगा। वह पाकिस्तान का एजेंट है, उसकी ही भाषा बोलता है, वह यहां के तथाकथित सेक्यूलर नेताओं की सियासी राह आसान करके पाकिस्तान की चाल को सफल बनाने का एक हथकंडा मात्र है। लेकिन करनी सेना उसके नापाक इरादों को कभी भी सफल नहीं होने देगी। उसके अमर्यादित और आपत्तिजनक बयानों से यूपी का चुनावी माहौल खराब हो रहा है। अन्य राज्यों पर भी उसकी नकारात्मक बयानबाजी का असर हो रहा है। उसकी साम्प्रदायिक सोच भारत के धर्मनिरपेक्ष मिजाज के प्रतिकूल है। यदि वह नहीं सुधरा तो करनी सेना को ही उसे भी सुधारना पड़ेगा। क्योंकि उसकी ऊलजलूल टिप्पणी से हिन्दू समाज और सच्चा भारतीय सभी आहत हैं। चुनाव आयोग को ऐसे लोगों से सख्ती से निबटना चाहिए।
सवाल:- समान नागरिक संहिता को लेकर आपकी क्या राय है। यह कानून सरकार कबतक लागू करेगी और यदि नहीं करेगी तो आप क्या करेंगे?
जवाब:- देश में प्रश्रय पा रहे विभिन्न तरह के वादों से निपटने के लिए समान नागरिक संहिता बदलते वक्त की मांग है। अन्य कानूनों की तरह ही मोदी सरकार इस कानून को भी निश्चय ही लागू करेगी। इसको लेकर हर ओर सरगर्मी है। इस कानून के लागू हो जाने के बाद किसी को भी भारतीयों को भारतीयों से लड़ाने का मौका नहीं मिलेगा। खासकर जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र व लिंग आदि के आधार पर। क्योंकि इसके तहत सभी के लिए एक माकूल व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, ताकि समस्त भारतीयों का समरूप विकास हो सके। इस कानून को सरकार जब भी लागू करेगी, उसका स्वागत किया जाएगा और यदि नहीं लागू करेगी तो हमलोग उससे गुजारिश करेंगे कि अन्य राष्ट्रवादी कानूनों की तरह ही इस कानून को भी जल्द अमलीजामा पहनाया जाए, ताकि आम व खास सभी भारतीयों का भला हो सके।
सवाल:- चीन द्वारा पैदा की जा रही कतिपय राष्ट्रीय व सीमाई समस्याओं को आप किस नजरिये से देखते हैं। पाकिस्तान के साथ उसका बढ़ता तालमेल हिंदुओं के लिए घातक साबित हो सकता है। क्या आप इससे सहमत हैं?
जवाब:- पाकिस्तान हमारा शत्रु है, लेकिन चीन हमारा नम्बर 1 शत्रु है। वह पाकिस्तान के साथ मिलकर जिस तरह से वैश्विक मंचों पर भारतीय हितों के खिलाफ कार्य कर रहा है, वह हमारे लिए चिंता की बात है। लेकिन उससे भी बढ़कर चिंता करने वाली बात यह है कि लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत की सीमाओं का वह जिस तरह से अतिक्रमण कर रहा है, उसके मद्देनजर उसको मुंहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए और वक्त बे वक्त यह दिया भी जा रहा है। हमारी सेना उससे लड़ने-भिड़ने में सक्षम है। हमारे देश में जो जिन्ना समर्थक हैं, जो पाकिस्तान परस्त हैं, जो चीनी वस्तुओं व उसके कारोबार से प्रेम करते हैं, इनकी स्पष्ट शिनाख्त हमारे प्रशासन को करनी चाहिए और हमें इस बात की छूट मिलनी चाहिए कि देशद्रोही तत्वों से हमलोग देश के भीतर सुलटाएंगे और हमारी सेना सीमाओं पर सुलटाएगी। ऐसा करके ही हमलोग भारत माता की आन बान और शान को सुरक्षित रख सकते हैं।
सवाल:- जम्मू-कश्मीर के हालात से आप कितना संतुष्ट हैं?
जवाब:- जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को हटाने पर हमने प्रधानमंत्री का सम्मान किया। अब वहां के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से हमारी मांग है कि वहां से विस्थापित कश्मीरी पंडितों को फिर से वहां पर बसाया जाए। उनकी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को मुक्त करवाकर उन्हें कश्मीरी पंडितों को वापस दिलवाया जाए। इसके अलावा देश विरोधी ताकतों और पाकिस्तान परस्त लोगों को नियंत्रित करने के लिए वहां के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को जेल में ठूंसा जाए। उन्हें कदापि बाहर नहीं छोड़ा जाए। क्योंकि उनका बाहर रहना देशभक्त नागरिकों के खिलाफ षड्यंत्र करने का उन्हें मौका प्रदान करेगा।
सवाल:- कोरोना काल में एक सामाजिक संगठन के रूप में करनी सेना का क्या योगदान रहा, कुछ बताइए?
जवाब:- कोरोना की पहली लहर में करणी सेना ने 20 लाख लोगों के बीच भोजन वितरित करने जैसा उल्लेखनीय कार्य किया है। गुड़गांव, गाजियाबाद, दिल्ली, जयपुर, बनारस, इंदौर, भोपाल, मुंबई, कोटा, अहमदाबाद के अलावा देश के विभिन्न शहरों में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंद लोगों के बीच बना बनाया भोजन व राशन वितरण का सराहनीय कार्य किये हैं। वहीं, 10 लाख लोगों को सैनिटाइजर, मास्क, पीपी किट आदि प्रदान किये हैं। हमने द्वितीय लहर में लोगों को कीमती दवाइयां, ऑक्सीजन सिलिंडर व अन्य सुविधाएं भी दिलवाई। जबकि तीसरी लहर में भी कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए हर सम्भव सहयोग किया। इस कार्य में कई संस्थाओं और व्यापारिक संगठनों ने सहयोग किया है। ऐसे सभी लोगों को 30 जनवरी 2022 को हमलोग सम्मानित करेंगे। इससे पहले हमलोगों ने वेदांता, गुड़गांव के चिकित्सकों को भी सम्मानित किया है। हमने अपने 3 कार्यकर्ताओं को कोरोना काल में खोया भी है, क्योंकि आमलोगों की सेवा करते करते वो संक्रमित हो गए और उनका संक्रमण इतना ज्यादा बढ़ गया कि तमाम चिकित्सा सुविधाओं के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। इससे करनी सेना को काफी क्षति भी हुई और अपार दुःख भी महसूस हुआ। हिमाचल प्रदेश में रोटी बैंक चलाने वाले और बूंदी राजस्थान में सक्रिय कार्यकर्ताओं को हमने भले ही खो दिया, लेकिन उनकी स्मृति को जिंदा रखने और समाजसेवा के जज्बे को सलाम करते हुए उनके अभिरुचि वाले विषयों पर भी कार्यक्रम करने का निश्चय किया है, जो सफल रहेगा। टीवी चैनल्स से हमारी प्रार्थना है कि बीमारियों की संक्रामकता की बार बार चर्चा करके पैनिक क्रिएट न करें। इससे आमलोगों में दहशत फैलती है। भारत सरकार व उसके विभिन्न मंत्रालय भी इस मुद्दे को संज्ञान में लें।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार