By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 22, 2023
तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी से जल छोड़ने को लेकर कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन हुए। शनिवार को बंद का भी आह्वान किया गया है। विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर पुलिस ने पूरे कर्नाटक में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। उच्चतम न्यायालय के कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और कावेरी जल नियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार किये जाने के बाद कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। सीडब्ल्यूआरसी ने 12 सितंबर को दिए अपने आदेश में कर्नाटक को अगले 15 दिन तक तमिलनाडु को हर दिन 5,000 क्यूसेक पानी देने का निर्देश दिया था। सीडब्ल्यूआरसी ने इस आदेश को बरकरार रखा था। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को इन आदेशों में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया था।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। किसान संगठनों और कन्नड़ समर्थक संगठनों ने कावेरी नदी घाटी जिलों मैसुरु, मांड्या, चामराजनगर, रामानगर, बेंगलुरु और राज्य के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर अपना रोष व्यक्त किया। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार से पड़ोसी राज्य को पानी नहीं छोड़ने का आग्रह किया। कर्नाटक का कहना है कि वह कावेरी नदी घाटी क्षेत्रों में खड़ी फसलों के लिए सिंचाई के पानी और पेयजल की अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि मानसून में कम बारिश के कारण पानी की कमी हो गई है। चित्रदुर्ग, बल्लारी, दावणगेरे, कोप्पल और विजयपुरा जैसे जिलों में भी विरोध प्रदर्शन हुआ।
रायथा हितरक्षण समिति के तत्वावधान में किसानों ने मांड्या में सर एम विश्वेश्वरैया की प्रतिमा के निकट विरोध प्रदर्शन जारी रखा। उनके साथ आज प्रदर्शन मेंआदिचुंचनगिरि मठ के प्रमुख निर्मलानंदनाथ स्वामीजी भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए निर्मलानंदनाथ स्वामीजी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष तथ्य पेश करने चाहिए और राज्य के किसानों और लोगों के हितों की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मठ किसानों की ओर से राज्य सरकार और केंद्रीय मंत्रियों से बात करेगा। जिला रायथा हितरक्षण समिति ने शनिवार को मांड्या में बंद का आह्वान किया है, जिससे जिले में सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है क्योंकि इसे विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है।
कर्नाटक सरकार से पानी न छोड़ने और इसके बजाय राज्य के हितों की रक्षा करने की मांग को लेकर विभिन्न स्थानों पर किसानों और संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बारे में गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, ‘‘इसमें कुछ भी गलत नहीं है। विरोध करना उनका अधिकार है और सरकार को इस पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए, उन्हें किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए और लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। मैं इस संबंध में उनसे अपील करता हूं।” उन्होंने कहा कि यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो पुलिस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि मांड्या जिले में केआरएस बांध के निकट और अन्य स्थानों पर जहां विरोध प्रदर्शन हो रहा है, सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने अपने अधीनस्थों के साथ बैठकें कीं और शहर के सभी पुलिस उपायुक्तों को सतर्क रहने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में, खासकर तमिल बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए। पुलिस आयुक्त ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय किये गये हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि तमिलनाडु में पंजीकृत किसी भी बस या निजी वाहन पर पथराव की कोई घटना न हो। कर्नाटक रक्षणा वेदिके के कार्यकर्ताओं ने प्रवीण शेट्टी के नेतृत्व में बेंगलुरु के केआर पुरम में राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। पुलिस ने उन्हें और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और टायर जलाये।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में एक बैठक की और इस संबंध में पार्टी की रणनीति पर चर्चा की। बोम्मई ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार कावेरी मुद्दे पर विफल रही है और इसके नतीजे दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने (अदालत की) कार्यवाही देखी है और हमारे वकीलों ने इस मुद्दे पर प्रभावी ढंग से बहस नहीं की है।’’ उन्होंने कहा कि जनता को इस संबंध में जागरूक करना ही अब एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा में इस पर चर्चा कर रहे हैं। मांड्या, मैसूर, रामानगर, चामराजनगर और हासन में एक दौर की चर्चा हो चुकी है। हम बेंगलुरु में भी विरोध प्रदर्शन करेंगे। बैठक में हम चर्चा कर कार्ययोजना तय करेंगे।’’
कन्नड़ चालुवली नेता एवं पूर्व विधायक वतल नागराज ने कर्नाटक के सांसदों से कावेरी मुद्दे पर राज्य के हितों की रक्षा के लिए संसद से तुरंत इस्तीफा देने का आग्रह किया और कहा कि वह इस बात का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं कि उच्चतम न्यायालय के रुख के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया क्या फैसला लेंगे। उन्होंने कन्नड़ फिल्म कलाकारों और अभिनेताओं से राज्य के लोगों और किसानों के साथ खड़े होने का आह्वान किया।