By अंकित सिंह | Oct 24, 2024
जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के नेता निखिल कुमारस्वामी को गुरुवार को 13 नवंबर को होने वाले चन्नपटना विधानसभा उपचुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार घोषित किया गया। यह सीट उनके पिता और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी के लोकसभा में चुने जाने के बाद खाली हुई थी। निखिल की उम्मीदवारी को अंतिम रूप देने से पहले कुमारस्वामी ने पिछले कुछ दिनों में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं, खासकर चन्नपटना के लोगों के साथ कई बैठकें कीं। गुरुवार को वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा के आवास पर गठबंधन सहयोगी भाजपा के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई, जिसके बाद निखिल के नाम की आधिकारिक घोषणा की गई।
येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी, निखिल और अन्य भाजपा-जद(एस) नेताओं के साथ कहा कि हम चन्नपटना उपचुनाव के लिए निखिल कुमारस्वामी को एनडीए उम्मीदवार घोषित करते हैं। सौ प्रतिशत वे जीतेंगे। हम सब मिलकर चन्नपटना का दौरा करेंगे और वे (निखिल) बड़े अंतर से जीतेंगे। जेडीएस नेता एवं केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि यह मेरा निर्णय या राय नहीं थी। हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन पर (उपचुनाव लड़ने के लिए) दबाव डाला और हमने यह निर्णय लिया।
जेडीएस राज्य युवा इकाई के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी ने अपने उम्मीदवारी पर कहा कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में पंचायती मुख्यालयों का दौरा कर रहा हूं और ऐसा केवल इसलिए कर रहा हूं क्योंकि कुमारस्वामी जी ने कहा है कि हमें सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं एक कार्यकर्ता के रूप में अपना काम कर रहा हूं। लेकिन हाल ही में जो राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं...इन सभी को ध्यान में रखते हुए एनडीए ने मुझे मौका दिया है। मुझे चन्नपटना निर्वाचन क्षेत्र के लोगों पर बहुत भरोसा है। वे मुझे आशीर्वाद देंगे।
36 वर्षीय निखिल पांच बार के विधायक और पूर्व मंत्री सी.पी. योगीश्वर के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं, जिन्होंने बुधवार को भाजपा से इस्तीफा देने के बाद हाल ही में कांग्रेस का दामन थाम लिया है। निखिल की मां अनीता कुमारस्वामी, जो पूर्व विधायक हैं, ने 2013 में इस सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें इस सीट पर योगीश्वर के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। योगीश्वर चन्नपटना उपचुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद कुमारस्वामी पर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की ओर से निखिल को मैदान में उतारने का दबाव बढ़ गया था।